Natural Healing Advisor
आज के भागदौड़ भरी जिंदगी में लोग कुछ भी, कहीं भी खा लेते हैं जोकि स्वास्थ्य के लिए हितकर नहीं है, वर्तमान समय में लोगों को पता ही नहीं है कि हमें क्या खाना चाहिए, क्या नहीं खाना चाहिए ,छोटे-छोटे बच्चों को भी हम कुछ भी खिला देते हैं जिसके परिणाम स्वरुप लोग तमाम प्रकार के रोगों से ग्रस्त हो रहे हैं, वास्तव में हमारे शरीर का मुख्य आहार क्या है ? हमें पता ही नहीं है ,जो कि सही नहीं है ,सोचने की बात है!
परिवहन के साधनों का आहार-
परिवहन के साधन मोटरसाइकिल पेट्रोल से चलती है उसका मुख्य आहार पेट्रोल है, विभिन्न प्रकार की बेसकीमत चार पहिया वाहन या तो पेट्रोल से चलते हैं या डीजल से !
पेट्रोल से चलने वाले वाहन में डीजल या डीजल से चलने वाले वाहन में पेट्रोल या मिट्टी का तेल डाला जाए तो उसका इंजन शुरू ही नहीं होगा चलने की तो बात दूर !
पेड़ पौधों का आहार-
पेड़ -पौधे ,पानी ,सूर्य के प्रकाश व कार्बन डाइऑक्साइड की उपस्थिति में प्रकाश संश्लेषण द्वारा अपना भोजन बनाते हैं ; लेकिन यदि पौधों में पानी की जगह पर कोई दूसरा द्रव पदार्थ (डीजल/ मिट्टी का तेल/ पेट्रोल)उपलब्ध हो, या कार्बन डाइऑक्साइड के अलावा कोई दूसरा गैस तो पौधों का विकास नहीं होता ,वे नष्ट हो जाते हैं।
पशु पक्षियों का आहार-
गाय, भैंस ,भेड़, बकरियां ,घोड़े इत्यादि का आहार घास ,भूसा पेड़ पौधों की पत्तियां हैं, उनका सेवन करते हैं और स्वस्थ रहते हैं । यदि हम गाय, भैंस ,भेड़ ,बकरियों को घास, भूसा , पेड़ पौधों की पत्तियों के अलावा कुछ खिलाते हैं तो वे नहीं खाते हमने बहुत सारे पक्षियों को भी देखा है उनको कुछ भी डाल देंगे तो नहीं खाते हैं क्योंकि उन्हें पता है कि हमारा आहार क्या है।
मनुष्य का आहार-
हम मनुष्यों का भी आहार निश्चित है, 80% क्षारीय भोजन अर्थात् मौसमी फल व हरी पत्तेदार सब्ज़ियां और 20% अम्लीय भोज्य पदार्थ अर्थात् अन्न !
लेकिन दुर्भाग्य की बात है कि वर्तमान समय में हम लोग 80% अम्लीय भोज्य पदार्थ जैसे -चाय, चावल ,चीनी ,अचार, मिठाईयां, ठंडे पेय पदार्थ ,जानवरों से प्राप्त भोज्य पदार्थ , डिब्बाबंद, मैदे से बनी चीजें,इत्यादि का सेवन करते हैं व 20% भी हम अपने भोजन में क्षारीय पदार्थों को जगह नहीं देते जिसका परिणाम यह है कि हमारा रक्त दूषित हो जाता है , हमारे शरीर के समस्त अंगों को पर्याप्त मात्रा में पोषण नहीं मिल पाता, शरीर के सभी अंग सही तरीके से कार्य नहीं कर पाते, जिसकी वजह से हर कोई रोगी हो जा रहा है ।
सारांश
जिस तरह हम लोग अपने परिवहन के साधनों में उनके द्वारा आवश्यक पेट्रोल या डीजल , अपने पाले गए पशु पक्षियों को उनके हिसाब से भूसा ,घास इत्यादि उपलब्ध कराते हैं उसी प्रकार हम मनुष्यों को अपने अनमोल जीवन हेतु अपने भोजन में 80% क्षारीय भोज्य पदार्थ अर्थात् ताजे मौसमी फल व हरी पत्तेदार सब्जियों व 20% अम्लीय भोज्य पदार्थ अर्थात् अन्न को शामिल कर अन्य जीव धारियों की तरह स्वस्थ व दीर्घायु जीवन व्यतीत करना चाहिए ,यही श्रेयस्कर होगा।
(डॉ.राजेश कुमार ,काशी हिंदू विश्वविद्यालय के चिकित्सा विज्ञान संस्थान से, डिप्लोमा इन नेचुरोपैथी एंड योग थेरेपी, बैचलर आफ नेचुरोपैथी एंड योगिक साइंसेज की पढ़ाई पूरी कर चुके हैं वर्तमान समय में स्वास्थ्य पर चर्चा एवं स्वस्थ भारत अभियान कार्यक्रम के माध्यम से ग्रामवासियों व विद्यार्थियों को सही जीवन शैली, खानपान व प्राकृतिक चिकित्सा के बारे में लोगों को जागरूक कर रहे हैं।)
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