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Q&A
02:04 PM | 13-08-2019

Hi, Sar m pin chubhna jaisa lagna. Spine/rid ki hadi m niche se uper cureent jaisa kuch sensitivity huna, phir sar se spine/rid ki hadi cold ya burning ya dar huna. Jab yah sab kuch mere sat hota hai us waqt jo situation hoti hoto mujhe lagta hai ya sab phle dekh chuka hu yah dobara hora hai. Neend m jhatke jasa feel hota hai. Ya koi khowb dekha hu aakh kolna chahta hu kol nahi pata hu haat paer bhi nahi hilte. Boht pareshan hu, Please guide me anyone know that are this. Give me suggestion

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2 Answers

06:16 PM | 13-08-2019

Madam it’s best you go off all animal products like milk cheese curd ghee paneers meat fish eggs .. eat only fruits vegetables for the whole day and all these issues will slowly fade. Drink as much vegetable juices also. If you need a personal consultation, write to wellcure and they can help you reach someone. 

07:13 AM | 16-08-2019

Thanks you, Mam,
Mujhe jo problem horahi lag bhag 4 saal se doctor ku consultant karwaya tha, Doctor ka kaha tha aap ku anxiety hai jis ki wajh se anxiety badjati hai aur panic attack aata hai is sab ka karan "Brain chemical imbalance" hota hai. Kabhi kabhi aisa lagta hai ya sab phle mere sat hochuka hai m dobara dekh raha hu.
Sar m kuch ajeeb sa huta ha us samye samjh nahi ata hai kya karo kya pagal jisa lagta hai aur vomiting jisa feeling hoti hai.
Mam please is k bare m kuch bataein.
Dhaneywad

Reply


06:16 PM | 13-08-2019

नमस्ते

रक्त प्रवाह (blood circulation) में परेशानी का  कारण है निष्कासन (elimination) में समस्या हो रही है।

प्राकृतिक जुड़ाव आपको सकारात्मक सोच प्रदान करेंगी क्योंकि प्राकृतिक जीवन शैली अपने आप में पूर्ण भी है और जीवंत भी है। पाँच तत्व से प्रकृति चल रही है और उसी पाँच तत्व से हमारा शरीर बना है।

शरीर पाँच तत्व से बना हुआ है प्रकृति की ही तरह।

आकाश, वायु, अग्नि, जल, पृथ्वी ये पाँच तत्व आपके शरीर में रोज़ खुराक की तरह जाना चाहिए।

पृथ्वी और शरीर का बनावट एक जैसा 70% पानी से भरा हुआ। पानी जो की फल, सब्ज़ी से मिलता है।

आपका मुख्य आहार ये हुआ तो बहुत अच्छा हो जाएगा।

1 आकाश तत्व- एक खाने से दूसरे खाने के बीच में विराम दें। रोज़ाना 15 घंटे का उपवास करें जैसे रात का भोजन 7 बजे तक कर लिया और सुबह का नाश्ता 9 बजे लें।

2 वायु तत्व- लंबा गहरा स्वाँस अंदर भरें और रुकें फिर पूरे तरीक़े से स्वाँस को ख़ाली करें रुकें फिर स्वाँस अंदर भरें ये एक चक्र हुआ। ऐसे 10 चक्र एक टाइम पर करना है। ये दिन में चार बार करें।

खुली हवा में बैठें या टहलें। मकरासान में लेटें। यानी उल्टा लेटें पेट के बल और पैरों को घुटनों से मोड़ें 20  

मिनट के लिए। इसी मुद्रा में किसी से दिन में दो बार तिल के तेल से घड़ी की सीधी दिशा  (clockwise)में

और घड़ी की उलटी दिशा  (anti clockwise)में मालिश करें। नरम हाथों से बिल्कुल भी प्रेशर नहीं देना है।

3 अग्Iनि तत्व- सूर्य उदय के एक घंटे बाद या सूर्य अस्त के एक घंटे पहले का धूप शरीर को ज़रूर लगाएँ। सर और आँख को किसी सूती कपड़े से ढक कर। जब भी लेंटे अपना दायाँ भाग ऊपर करके लेटें ताकि आपकी सूर्य नाड़ी सक्रिय रहे।

4 जल तत्व- खाना खाने से एक घंटे पहले नाभि के ऊपर गीला सूती कपड़ा लपेट कर रखें या खाना के 2 घंटे बाद भी ऐसा कर सकते हैं।

मेरुदंड स्नान के लिए अगर टब ना हो तो एक मोटा तौलिया गीला कर लें बिना निचोरे उसको बिछा लें और अपने मेरुदंड को उस स्थान पर रखें।पैरों को 20 मिनट के लिए सादे पानी से भरे किसी बाल्टी या टब में डूबो कर रखें सोने से पहले।

मेरुदंड (स्पाइन) सीधा करके बैठें। हमेशा इस बात ध्यान रखें और हफ़्ते में 3 दिन मेरुदंड का स्नान करें। 

5 पृथ्वी- सब्ज़ी, सलाद, फल, मेवे, आपका मुख्य आहार होगा। आप सुबह खीरे का जूस लें, खीरा 1/2 भाग +धनिया पत्ती (10 ग्राम) पीस लें, 100 ml पानी मिला कर पीएँ। 2 घंटे बाद फल नाश्ते में लेना है।

दोपहर में 12 बजे फिर से इसी जूस को लें। इसके एक घंटे बाद खाना खाएँ। शाम को नारियल पानी लें फिर 2 घंटे तक कुछ ना लें। रात के सलाद में हरे पत्तेदार सब्ज़ी को डालें, नारियल की गिरि मिलाएँ।

लाल, हरा, पीला शिमला मिर्च 1/4 हिस्सा हर एक का मिलाएँ। इसे बिना नमक के खाएँ, बहुत फ़ायदा होगा। पृथ्वी तत्व को शरीर में डालने का एक नियम हमेशा याद रखें ठोस(solid) खाने को चबा कर तरल (liquid) बना कर खाएँ। तरल (liquid) को मुँह में घूँट घूँट पीएँ। खाना ज़मीन पर बैठ कर खाएँ। खाते वक़्त ना तो बात करें और ना ही TV और mobile को देखें।ठोस (solid) भोजन के तुरंत बाद या बीच बीच में जूस या पानी ना लें। भोजन हो जाने के एक घंटे बाद तरल पदार्थ (liquid) ले सकते हैं।

ऐसा करने से हाज़मा कभी ख़राब नहीं होगा।

जानवरों से उपलब्ध होने वाले भोजन वर्जित हैं।

तेल, मसाला, और गेहूँ से परहेज़ करेंगे तो अच्छा होगा।

हफ़्ते में एक दिन उपवास करें। शाम तक केवल पानी लें, प्यास लगे तो ही पीएँ। शाम 5 बजे नारियल पानी और रात 8 बजे सलाद लें।

रूबी, Ruby

प्राकृतिक जीवनशैली शिक्षिका (Nature Cure Educator)


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