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Q&A
06:54 PM | 07-10-2019

Hello friends, I am 58 yrs. Old and have sensitive skin. Some eruption occurred about 5 weeks back on my left leg and there has been continuous oozing out of some sticky substance like pus which hardens over time but then pus again starts. I was on raw diet for 7 days and have changed my lifestyle in tune with nature cure but the pus persists and I feel lot of pain and itching sensation. Pl suggest, the way forward. Can something give me relief without suppressing the disease itself?


The answers posted here are for educational purposes only. They cannot be considered as replacement for a medical 'advice’ or ‘prescription’. ...The question asked by users depict their general situation, illness, or symptoms, but do not contain enough facts to depict their complete medical background. Accordingly, the answers provide general guidance only. They are not to be interpreted as diagnosis of health issues or specific treatment recommendations. Any specific changes by users, in medication, food & lifestyle, must be done through a real-life personal consultation with a licensed health practitioner. The views expressed by the users here are their personal views and Wellcure claims no responsibility for them.

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4 Answers

06:58 PM | 07-10-2019

Hi. Please refer to the below resources to understand more about skin issues & Nature Cure.

  1. Blog - Skin – An indicator of good health

  2. Real-life natural healing stories of people who cured Skin Issues just by following Natural Laws.

We are happy to hear that you are following Nature Cure and trying to find a solution that doesn't suppress the disease. A proper look at your daily routine will help us understand you better & suggest supportive action. You may subscribe to our Wellcure Buddy Program for the same. If you would like to know more, please email us at info@wellcure.com.



10:54 AM | 09-10-2019

हेलो,

 

त्वचा हमारे शरीर का सहज ज़रिया है अम्ल (acid) को प्रतिबिम्बित करने का। शरीर (elimination)निष्कासन की प्रक्रिया में लगा है। हम उसको आहार शुद्धि से मदद करें।

खीरा+ नीम पत्ता + एलोवेरा का पल्प का पेस्ट वंहा लगाएँ जंहा परेशानी है।  20मिनट के लिए लगाएँ।

त्वचा को गुलाब जल + बेसन और हल्दी से साफ़ करें। साबुन या कोई भी क्रीम का प्रयोग बंद कर दें।

नहाने के पानी में ख़ुशबू वाले फूलों का रस मिलाएँ। नींबू या पुदीना का रस मिला सकते हैं।खाना खाने से एक घंटे पहले नाभि के ऊपर गीला सूती कपड़ा लपेट कर रखें या खाना के 2 घंटे बाद भी ऐसा कर सकते हैं।

बार बार कुछ भी खाने से बचे फल के बाद 3 घंटे का अंतराल (gap) रखें। क्षार (alkaline) जूस के बाद 1घंटे का अंतराल रखें। कच्चे सब्ज़ियों के सलाद के बाद 5 घंटे का अंतराल रखें। अनाज और पकी हुई सब्ज़ी अगर तेल रहित (oil free) के बाद 8 घंटे का तेल घी का प्रयोग किया गया हो तो 12 से 13 घंटे का अंतराल रखें।

रोज़ाना 15 घंटे का उपवास करें जैसे रात का भोजन 7 बजे तक कर लिया और सुबह का नाश्ता 9 बजे लें। त्वचा या शरीर के किसी भी हिस्से को स्वस्थ प्रदान करने के लिए ज़रूरी है।

सुबह लंबा गहरा स्वाँस अंदर भरें और रुकें फिर पूरे तरीक़े से स्वाँस को ख़ाली करें रुकें फिर स्वाँस अंदर भरें ये एक चक्र हुआ। ऐसे 10 चक्र एक टाइम पर करना है। ये दिन में चार बार करें।

सूर्य उदय के एक घंटे बाद या सूर्य अस्त के एक घंटे पहले का धूप शरीर को ज़रूर लगाएँ। सर और आँख को किसी सूती कपड़े से ढक कर। जब भी लेंटे अपना दायाँ भाग ऊपर करके लेटें ताकि आपकी सूर्य नाड़ी सक्रिय रहे।

सुबह ख़ाली पेट आधा खीरा 5 पुदीने या करी पत्ते के साथ पिस कर उसमें 100ml पानी मिला कर पिएँ।

जूस को मुँह में रख कर एक बार सहज स्वाँस लें फिर घूँट अंदर लें।

2 घंटे बाद कोई भी एक तरीक़े का फल नाश्ते में लें।फल को ठीक से चबा कर खाएँ। कोई नमक या चाट मसला या चीनी, दूध मिक्स ना करें। 

दोपहर 12 बजे सफ़ेद पेठे (ashguard) 20 ग्राम पीस 100ml पानी मिला कर लें।

नमक सेंधा ही प्रयोग करें। नमक की पके हुए खाने में भी बहुत कम लें। सब्ज़ी पकने बाद उसमें नमक डालें। नमक पका कर या अधिक खाने से शरीर में (fluid)  की कमी हो जाती।

सलाद दोपहर 1बजे बिना नमक के खाएँ तो अच्छा होगा क्योंकि नमक सलाद के गुणों को कम कर देता है। 

सलाद में हरे पत्तेदार सब्ज़ी को डालें और नारियल पीस कर मिलाएँ। कच्चा पपीता 50 ग्राम कद्दूकस करके डालें। कभी सीताफल ( yellow pumpkin)50 ग्राम ऐसे ही डालें। कभी सफ़ेद पेठा (ashgurd) 30 ग्राम कद्दूकस करके डालें। ऐसे ही ज़ूकीनी 50 ग्राम डालें।कद्दूकस करके डालें।कभी काजू बादाम अखरोट मूँगफली भिगोए हुए पीस कर मिलाएँ। रात का खाना 8 बजे खाएँ।

लाल, हरा, पीला शिमला मिर्च 1/4 हिस्सा हर एक का मिलाएँ। शाम 5 बजे नारियल पानी लें।

रात के खाने में इस अनुपात से खाना खाएँ 2 कटोरी सब्ज़ी के साथ 1कटोरी चावल या 1रोटी लें। रात 8 बजे के बाद कुछ ना खाएँ, 12 घंटे का (gap) अंतराल रखें। 8बजे रात से 8 बजे सुबह तक कुछ नहीं खाना है।

एक नियम हमेशा याद रखें ठोस(solid) खाने को चबा कर तरल (liquid) बना कर खाएँ। तरल  को मुँह में घूँट घूँट पीएँ। खाना ज़मीन पर बैठ कर खाएँ। खाते वक़्त ना तो बात करें और ना ही TV और mobile को देखें।ठोस  भोजन के तुरंत बाद या बीच बीच में जूस या पानी ना लें। भोजन हो जाने के एक घंटे बाद तरल पदार्थ  ले सकते हैं।

जानवरों से उपलब्ध होने वाले भोजन वर्जित हैं।

 

तेल, मसाला, और गेहूँ से परहेज़ करेंगे तो अच्छा होगा। चीनी के जगह गुड़ लें।

हफ़्ते में एक दिन उपवास करें। शाम तक केवल पानी लें, प्यास लगे तो ही पीएँ। शाम 5 बजे नारियल पानी और रात 8 बजे सलाद लें।

मेरुदंड (स्पाइन) सीधा करके बैठें। हमेशा इस बात ध्यान रखें। हफ़्ते में 3 दिन मेरुदंड का स्नान करें। मेरुदंड स्नान के लिए अगर टब ना हो तो एक मोटा तौलिया गीला कर लें बिना निचोरे उसको बिछा लें।अपने मेरुदंड को उस पर रखें।

नहाने के पानी में ख़ुशबू वाले फूलों का रस मिलाएँ। नींबू या पुदीना का रस मिला सकते हैं। नीम का रस भी बहुत फ़ायदा करेगा।

धन्यवाद।

रूबी, 

प्राकृतिक जीवनशैली प्रशिक्षिका व मार्गदर्शिका (Nature Cure Guide & Educator)



10:53 AM | 09-10-2019

That’s excellent that you have a background. The pus will continue as long as you have to eliminate it. Tank has to empty for the tap to run dry. 

 

Stay on raw fruits one meal and drink 3-4 lts of juices all day. Your lymphatic might be getting dehydrated and such environments cause more toxins. 

 

You need to continue on raw as stated above for a month. 

 

To reduce pain, apply a warm wet cloth on the area. 

Apply coconut oil around the site .. and then apply hot to warm compress ( wet cloth )

 

Let it come. Don’t attach a timeline. 

The reason you have this condition is due to toxemia and why are you in a hurry to go back to the previous lifestyle of cooked food dairy eggs meat fish sugar wheat flour salt grains oils etc. 

 

Give this sometime

 

Be blessed. 

 

Smitha Hemadri (educator of natural healing practices)



10:54 AM | 09-10-2019

नमस्ते,

 भोजन में अधिकतर अम्लीय पदार्थ लेने की वजह से रक्त दूषित हो जाता है जिससे कई प्रकार केेे चर्म रोग प्रारंभ हो जाते हैं, यह अनियमित दिनचर्या और खानपान की गड़बड़ी का परिणाम है।

 

  •  रात्रि में 7- 8 घंटेे की नींद अवश्य लें इससे कोशिकाओं की मरम्मत होती है ।
  • प्रतिदिन प्रातः सूर्योदय के पश्चात 45 मिनट धूप में व्यतीत करें इससे शरीर की समस्त अंतः स्रावी ग्रंथियां सुचारू रूप से अपना कार्य करती हैं।
  • प्रतिदिन गुनगुने पानी में नींबू और शहद का सेवन करें इससे शरीर में स्थित दूषित पदार्थ बाहर निकलते हैं।
  • प्रतिदिन खीरा या एलोवेरा के जूस का सेवन करें ।
  • भोजन -हल्के, सुपाच्य मौसमी फलों या हरी पत्तेदार सब्जियों से युक्त भोजन को खूब चबा चबाकर सेवन करें ,इससे शरीर में अम्ल व क्षार का संतुलन बना रहता है ।
  • जल का सेवन- मिट्टी के घड़े में रखे हुए जल को जब भी प्यास लगे बैठकर धीरे-धीरे सेवन करें इससे भोजन का पाचन आसानी से होता है ।
  • उपवास -सप्ताह में 1 दिन, प्रारंभ में तीन-चार दिन  मौसमी फल या हरी पत्तेदार सब्जियों के जूस पर रहना अधिक लाभकारी होगा।
  • एलोवेरा के हरे परत को हटाकर सफेद मांसल भाग के जूस को प्रभावित जगह पर लगाएं।
  •  नीम की पत्ती पीसकर पेस्ट बना लें प्रभावित जगह पर रात में लगा दे प्रातः काल ठंडे पानी से उसे धो दीजिए ।

 

निषेध- जानवरों से प्राप्त भोज्य पदार्थ ,चीनी ,मैदें ,दूध से बने हुए पदार्थ ,नमक ,नमकीन, ठंडे पेय पदार्थ ,क्रोध ,ईर्ष्या ,चिंता ,तनाव ,रात्रि जागरण ,सोने से 2 घंटे पहले मोबाइल ,टेलीविजन, कंप्यूटर का प्रयोग।


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