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Q&A
10:15 AM | 15-10-2019

I'm male 30. I'm vegetarian with no drinking, smoking, junk food habit. Last year I took antibiotics since then I'm having problem of constipation to loose stools. What should I do?


The answers posted here are for educational purposes only. They cannot be considered as replacement for a medical 'advice’ or ‘prescription’. ...The question asked by users depict their general situation, illness, or symptoms, but do not contain enough facts to depict their complete medical background. Accordingly, the answers provide general guidance only. They are not to be interpreted as diagnosis of health issues or specific treatment recommendations. Any specific changes by users, in medication, food & lifestyle, must be done through a real-life personal consultation with a licensed health practitioner. The views expressed by the users here are their personal views and Wellcure claims no responsibility for them.

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3 Answers

05:30 PM | 15-10-2019

Hello Vivek. You may explore our Nature - Nurtures program.



05:29 PM | 15-10-2019

नमस्ते,

 कच्ची अनियमित दिनचर्या ,खानपान की गड़बड़ी ,भोजन के पश्चात बैठे रहनेंं, रात्रि में भोजन के पश्चात तुरंत सो जाने , उत्तेजक दवाइयों के प्रयोग इत्यादि की वजह से होता है।

  •  रात्रि में 7 से 8 घंटे बाई करवट की तरफ लेट कर  नींद अवश्य लें ,इससे भोजन का पाचन आसानी से होता है शरीर में कोशिकाओं के टूट-फूट की मरम्मत होती है।
  •  प्रतिदिन प्रातः गुनगुने पानी में काला नमक मिलाकर सेवन करें इससे आंतों में स्थित दूसरे पदार्थ बाहर निकल जाते हैं !
  • जूस- खीरा या पालक के जूस का सेवन करें ।
  • भोजन में हल्के सुपाच्य 80% मौसमी फल एवं हरी पत्तेदार सब्जियों से युक्त भोजन खूब चबा चबाकर सेवन करें इससे भोजन का पाचन अवशोषण एवं मल का निष्कासन आसानी से होता है।
  • मिट्टी के घड़े में रखे हुए जल को बैठकर प्यास लगने पर धीरे-धीरे सेवन करें, इससे भोजन का पाचन आसानी से होता है ,शरीर के समस्त अंगों को पर्याप्त मात्रा में जल की आपूर्ति होती है।
  • भोजन के साथ प्याज का सेवन करें।
  • रात्रि में सोने से पहले एक गिलास गुनगुने पानी में एक चम्मच शहद घोलकर पी ले प्रातः काल पेट साफ होगा।
  • प्रतिदिन 3 से 4 लीटर जल अवश्य सेवन करें।
  • ठहाके के साथ हसें, प्रसन्न चित्त रहें।

निषेध -जानवरों से प्राप्त भोज्य पदार्थ, चीनी ,मैदा ,वसा ,मिर्च -मसाला से बनी हुई चीजें ,क्रोध, ईर्ष्या ,चिंता, तनाव ,रात्रि जागरण, सोने से पहले मोबाइल ,टेलीविजन ,कंप्यूटर का प्रयोग।



05:28 PM | 15-10-2019

हेलो,

कारण - आँत में अधिक अम्ल (acid) से प्रदाह (inflammation) उत्पन्न होता है  जिसके कारण 

मल सुख जाता है और क़ब्ज़ की समस्या हो जाती है। रस और fiber युक्त भोजन के अभाव में पाचन तंत्र ठीक से भोजन को पचा नहीं पता है। दुध या दुध से बनी चीज़ों को पचने में अधिक समय लगता है। जो भी भोजन देर से पचता है वह प्रदाह उत्पन्न करता है। दवाइयों के साइड इफ़ेक्ट से ऐसा हो जाता है।

समाधान - कच्चे सब्ज़ी का जूस लें। 10 पत्ते पालक और 5g धनिया के पत्ते पीस कर 150ml पानी मिला ख़ाली पेट लें।

कच्ची भिंडी, बथुआ, पानी में भिगोए हुए अलसी (flexssed) सलाद में मिला कर बिना नमक के खाएँ।

पेट पर गिली पट्टी रखें। खीरे का पेस्ट रखें। 20मिनट तक रख साफ़ कर लें। ताड़ासन, कटिचक्रआसन, तिर्यकताड़ासन, पवनमुक्तासन करें।

जीवन शैली - पृथ्वी और शरीर का बनावट एक जैसा 70% पानी से भरा हुआ। पानी जो कि फल, सब्ज़ी से मिलता है।

1 आकाश तत्व- एक खाने से दूसरे खाने के बीच में विराम दें। रोज़ाना 15 घंटे का उपवास करें जैसे रात का भोजन 7 बजे तक कर लिया और सुबह का नाश्ता 9 बजे लें।

2 वायु तत्व- लंबा गहरा स्वाँस अंदर भरें और रुकें फिर पूरे तरीक़े से स्वाँस को ख़ाली करें रुकें फिर स्वाँस अंदर भरें ये एक चक्र हुआ। ऐसे 10 चक्र एक टाइम पर करना है। ये दिन में चार बार करें।I

दौड़ लगाएँ। सूर्य नमस्कार 5 बार करें।

3 अग्नि तत्व- सूरर्य उदय के एक घंटे बाद या सूर्य अस्त के एक घंटे पहले का धूप शरीर को ज़रूर लगाएँ। सर और आँख को किसी सूती कपड़े से ढक कर। जब भी लेंटे अपना दायाँ भाग ऊपर करके लेटें ताकि आपकी सूर्य नाड़ी सक्रिय रहे।

4 जल तत्व- खाना खाने से एक घंटे पहले नाभि के ऊपर गीला सूती कपड़ा लपेट कर रखें और खाना के 2 घंटे बाद भी ऐसा करना है।

नीम के पत्ते का पेस्ट अपने नाभि पर रखें। 20मिनट तक रख कर साफ़ कर लें।

मेरुदंड स्नान के लिए अगर टब ना हो तो एक मोटा तौलिया गीला कर लें बिना निचोरे उसको बिछा लें और अपने मेरुदंड को उस स्थान पर रखें।

खाना खाने से एक घंटे पहले नाभि के ऊपर गीला सूती कपड़ा लपेट कर रखें या खाना के 2 घंटे बाद भी ऐसा कर सकते हैं।

मेरुदंड (स्पाइन) सीधा करके बैठें। हमेशा इस बात ध्यान रखें और हफ़्ते में 3 दिन मेरुदंड का स्नान करें।

पेट पर खीरा का पेस्ट 20 मिनट लगाएँ। फिर साफ़ कर लें। पैरों को 20 मिनट के लिए सादे पानी से भरे किसी बाल्टी या टब में डूबो कर रखें।

5. पृथ्वी तत्व- कच्चे सब्ज़ी का जूस आपका मुख्य भोजन है।  सुबह ख़ाली पेट इनमे से कोई भी हरा जूस लें। पेठे (ashguard ) का जूस लें और  नारियल पानी भी ले सकते हैं। बेल का पत्ता 8 से 10 पीस कर 100ml पानी में मिला कर छान कर पीएँ। खीरा 1/2 भाग + धनिया पत्ती (10 ग्राम) पीस लें, 100 ml पानी में मिला कर पीएँ। दुब घास 25 ग्राम पीस कर छान कर 100 ml पानी में मिला कर पीएँ।

ये जूस सुबह नाश्ते से एक घंटे पहले लें। नाश्ते में फल लें। दोपहर के खाने से एक घंटा पहले हरा जूस लें। खाने में सलाद नमक सेंधा ही प्रयोग करें। नमक की पके हुए खाने में भी बहुत कम लें। सब्ज़ी पकने बाद उसमें नमक डालें। नमक पका कर या अधिक खाने से शरीर में (fluid)  की कमी हो जाती।

सलाद दोपहर 1बजे बिना नमक के खाएँ तो अच्छा होगा क्योंकि नमक सलाद के गुणों को कम कर देता है। सलाद में हरे पत्तेदार सब्ज़ी को डालें और नारियल पीस कर मिलाएँ। कच्चा पपीता 50 ग्राम कद्दूकस करके डालें। कभी सीताफल ( yellow pumpkin)50 ग्राम ऐसे ही डालें। कभी सफ़ेद पेठा (ashgurad) 30 ग्राम कद्दूकस करके डालें। ऐसे ही ज़ूकीनी 50 ग्राम डालें।कद्दूकस करके डालें।कभी काजू बादाम अखरोट मूँगफली भिगोए हुए पीस कर मिलाएँ। लाल, हरा, पीला शिमला मिर्च 1/4 हिस्सा हर एक का मिलाएँ। शाम 5 बजे नारियल पानी लें।

रात के खाने में इस अनुपात से खाना खाएँ 2 कटोरी सब्ज़ी के साथ 1कटोरी चावल या 1रोटी लें। रात 8 बजे के बाद कुछ ना खाएँ, 12 घंटे का (gap) अंतराल रखें। 8बजे रात से 8 बजे सुबह तक कुछ नहीं खाना है।

एक नियम हमेशा याद रखें ठोस(solid) खाने को चबा कर तरल (liquid) बना कर खाएँ। तरल  को मुँह में घूँट घूँट पीएँ। खाना ज़मीन पर बैठ कर खाएँ। खाते वक़्त ना तो बात करें और ना ही TV और mobile को देखें।ठोस  भोजन के तुरंत बाद या बीच बीच में जूस या पानी ना लें। भोजन हो जाने के एक घंटे बाद तरल पदार्थ  ले सकते हैं।

जानवरों से उपलब्ध होने वाले भोजन वर्जित हैं।

तेल, मसाला, और गेहूँ से परहेज़ करेंगे तो अच्छा होगा। चीनी के जगह गुड़ लें।

हफ़्ते में एक दिन उपवास करें। शाम तक केवल पानी लें, प्यास लगे तो ही पीएँ। शाम 5 बजे नारियल पानी और रात 8 बजे सलाद लें।

धन्यवाद।

रूबी

प्राकृतिक जीवनशैली प्रशिक्षिका  मार्गदर्शिका (Nature Cure Guide & Educator)


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