Loading...

Q&A
10:05 AM | 16-10-2019

I am suffering with severe cough. What is home based treatment?

The answers posted here are for educational purposes only. They cannot be considered as replacement for a medical 'advice’ or ‘prescription’. ...The question asked by users depict their general situation, illness, or symptoms, but do not contain enough facts to depict their complete medical background. Accordingly, the answers provide general guidance only. They are not to be interpreted as diagnosis of health issues or specific treatment recommendations. Any specific changes by users, in medication, food & lifestyle, must be done through a real-life personal consultation with a licensed health practitioner. The views expressed by the users here are their personal views and Wellcure claims no responsibility for them.

Read more
Post as Anonymous User
5 Answers

04:48 PM | 16-10-2019

Mulethi from ancient time is known to be a herb which helps in cough. Especially the season where winters are arriving.

I recommend having Mulethi tea.

Recipe: Boil a cup of water and add one teaspoon mulethi.
Add honey one teaspoon
Ginger (one inch)

Use this recipe for winter and save yourself from cough.

Thank you



04:39 PM | 16-10-2019

Dear health seeker, The invasion of cough  tantamount to yelling your body that Stop all  cough inducing foodstuffs, a tell~tale intake of highly heat and mucous forming  eatables the likes of processed   ,refined,  preserved  fried  bottled, packaged  animal products. 
 Any  dis-ease is an outcome of toxins, encumbrances,filthy matter invading the whole body. In pure nature cure all out efforts are made to cleanse the body through 4 eliminating organs that is by lungs,skin,faecel and through urination.What  happens is that  for most people all these organs are not allowed to perform  to their  optimum  best, almost all eliminating organs work at the lowest levels simply because of our  unhygiec lifestyle .
 To  strengthen your lung  power, either go for a brisk  walk with  rhythmic  breathing else if it is not possible then do some 100 to 200 skipping. Bask in the early morning  sun followed by a dry bath(rubbing the body with the dry towel)for 10 mins followed by cold (tab water)bath.
If constipated ( most people are ) apply cold water non violent enema. 
Stop all cereal based breakfast like poha, paratha, upma,bread butter, tea, coffee etc, instead breakfast of either fruits or salads with enough coconut scrappings.
Lunch and dinner should consist of vegetables raw and  conservatively cooked without any spices.self massage chest and back on alternate days. With this regime you will be alright within 30 to 45 days.i have treated many patients of the same affliction in the past following the above treatment 
     Wishing for a speedy recovery 
V.S.Pawar    MIINT 1980



04:37 PM | 16-10-2019

Hlw 

Please visit on the given link to get an answer on your query- 

http://www.wellcure.com/questions-answers/1702/cough-from-3-months-what-to-do#answer7756

Thanks 



04:48 PM | 16-10-2019

नमस्ते,

 खांसी प्रदूषित जगह पर रहने, वायरस के संक्रमण ,सर्दी, फ्लू के कारण ,दमा या टीबी, की वजह से हो सकते हैं।

  • रात्रि में 7 से 8 घंटे की नींद अवश्य लें ,इससे शरीर से दूषित पदार्थ बाहर निकलते हैं, कोशिकाओं के टूट-फूट की मरम्मत होती है।
  •  प्रतिदिन अनानास के जूस का सेवन करें।
  •  प्रतिदिन मौसमी फल एवं हरी पत्तेदार सब्जियों से युक्त भोजन को खूब चबा चबाकर सेवन करें ,इससे भोजन का पाचन ,अवशोषण एवं मल का निष्कासन आसानी से होता है, शरीर के सभी अंग सुचारू रूप से अपना कार्य करते हैं ।
  • प्यास लगने पर मिट्टी के घड़े में रखे हुए जल को बैठकर धीरे-धीरे सेवन करें ,इससे शरीर के अंगों को आवश्यक जल की आपूर्ति होती है।
  •  उपवास -सप्ताह में 1 दिन उपवास रहें, दूषित पदार्थ बाहर निकलते हैं, अंगों को आराम मिलता है।
  •  प्रतिदिन आधा चम्मच प्याज का रस एवं एक चम्मच शहद मिलाकर सुबह-शाम सेवन करें।
  • तुलसी के 10 -12 पत्तों को एक गिलास पानी में डालकर उबालें जब आधा  बच जाए उतार लीजिए, छानकर जब पीने योग्य हो जाए सुबह शाम इसका सेवन करें ।
  • प्रतिदिन सुगंधित पुष्पों से युक्त बगीचे में नंगे पांव टहलें !
  •  जलनेति का अभ्यास अनुभवी योग एवं नेचुरोपैथी फिजीशियन के निर्देशन में कीजिए इससे नासिका मार्ग में स्थित धूल एवं गंदे पदार्थ  बाहर निकल जाते हैं ,वायु मार्ग साफ एवं स्वच्छ हो जाता है।

 निषेध -जानवरों से प्राप्त भोज्य पदार्थ ,दूध ,चीनी ,मैदा से बनी हुई चीजें ,ठंडे पेय पदार्थ ,डिब्बाबंद पदार्थ, क्रोध, चिंता ,तनाव ,रात्रि जागरण।



04:36 PM | 16-10-2019

हेलो,

कारण - पाचन क्रिया का स्वस्थ ना होने से आँत में प्रदाह (inflammation) होता और वह फेफड़ों में संक्रमण पैदा करता है। शरीर में मौजूद मिनरल दूषित होकर कफ में परिवर्तित होते जाते हैं और ऑक्सिजन की मात्रा में आती है।

समाधान - अनुलोम विलोम, आंतरिक कुंभक और बाह्य कुंभक करें। सर्वांगआसन और सूर्य नमस्कार 5 बार करें। दुध या दुध से बना कोई चीज़ ना लें। नीम के पत्ते का और खीरा पेस्ट अपने पेट पर रखें। 20मिनट तक रख कर साफ़ कर लें।

प्राकृतिक चिकित्सक के देख रेख में टोना लें। जिससे आँत की प्रदाह को शांत किया जा सके। एनिमा किट मँगा लें। यह किट ऑनलाइन मिल जाएगा। इससे 200ml पानी गुदाद्वार से अंदर डालें और प्रेशर आने पर मल त्याग करें। ऐसा दिन में दो बार करना है अगले 21 दिनों के लिए। ये करना है ताकि शरीर में मोजुद विषाणु निष्कासित हो जाये। इसके बाद हफ़्ते में केवल एक बार लेना है उपवास के अगले दिन। टोना का फ़ायदा तभी होगा जब आहार शुद्धि करेंगे।

आकाश, वायु, अग्नि, जल, पृथ्वी ये पाँच तत्व आपके शरीर में रोज़ खुराक की तरह जाना चाहिए।

पृथ्वी और शरीर का बनावट एक जैसा 70% पानी से भरा हुआ। पानी जो कि फल, सब्ज़ी से मिलता है।

1 आकाश तत्व- एक खाने से दूसरे खाने के बीच में विराम दें। रोज़ाना 15 घंटे का उपवास करें जैसे रात का भोजन 7 बजे तक कर लिया और सुबह का नाश्ता 9 बजे लें।

2 वायु तत्व- लंबा गहरा स्वाँस अंदर भरें और रुकें फिर पूरे तरीक़े से स्वाँस को ख़ाली करें रुकें फिर स्वाँस अंदर भरें ये एक चक्र हुआ। ऐसे 10 चक्र एक टाइम पर करना है। ये दिन में चार बार करें।I

3 अग्नि तत्व- सूरर्य उदय के एक घंटे बाद या सूर्य अस्त के एक घंटे पहले का धूप शरीर को ज़रूर लगाएँ। सर और आँख को किसी सूती कपड़े से ढक कर। जब भी लेंटे अपना दायाँ भाग ऊपर करके लेटें ताकि आपकी सूर्य नाड़ी सक्रिय रहे।

4 जल तत्व- खाना खाने से एक घंटे पहले नाभि के ऊपर गीला सूती कपड़ा लपेट कर रखें और खाना के 2 घंटे बाद भी ऐसा करना है।

मेरुदंड स्नान के लिए अगर टब ना हो तो एक मोटा तौलिया गीला कर लें बिना निचोरे उसको बिछा लें और अपने मेरुदंड को उस स्थान पर रखें।

मेरुदंड (स्पाइन) सीधा करके बैठें। हमेशा इस बात ध्यान रखें और हफ़्ते में 3 दिन मेरुदंड का स्नान करें। 

5 पृथ्वी- सब्ज़ी, सलाद, फल, मेवे, आपका मुख्य आहार होगा। आप सुबह सफ़ेद पेठे 20ग्राम पीस कर 100 ml पानी में मिला कर पीएँ। 2 घंटे बाद फल नाश्ते में लेना है।

दोपहर में 12 बजे फिर से इसी जूस को लें। इसके एक घंटे बाद खाना खाएँ।शाम को 5 बजे सफ़ेद पेठे (ashguard) 20 ग्राम पीस कर 100 ml पानी मिला। 2घंटे तक कुछ ना लें। रात के सलाद में हरे पत्तेदार सब्ज़ी को डालें। कच्चा पपीता 50 ग्राम कद्दूकस करके डालें। कभी सीताफल ( yellow pumpkin)50 ग्राम ऐसे ही डालें। कभी सफ़ेद पेठा (ashgurad) 30 ग्राम कद्दूकस करके डालें। ऐसे ही ज़ूकीनी 50 ग्राम कद्दूकस करके डालें। इसी प्रकार हरा गोभी, बंद गोभी, गाजर, चुकन्दर भी कद्दूकस करके डालें। हर दिन मुख्य सब्ज़ी किसी एक की मात्रा अधिक बाँकि सब थोड़ा थोड़ा डालें। ताज़ा नारियल पीस कर मिलाएँ। कभी काजू बादाम अखरोट मूँगफली भिगोए हुए पीस कर मिलाएँ। 

लाल, हरा, पीला शिमला मिर्च 1/4 हिस्सा हर एक का मिलाएँ। इसे बिना नमक के खाएँ। नमक सेंधा ही प्रयोग करें। नमक की मात्रा दोपहर के खाने में भी बहुत कम लें। सब्ज़ी पकने बाद उसमें नमक डालें। नमक पका कर या अधिक खाने से शरीर में (fluid)  की कमी हो जाती है। रात का खाना 8 बजे खाएँ।एक नियम हमेशा याद रखें ठोस (solid) खाने को चबा कर तरल (liquid) बना कर खाएँ। तरल (liquid) को मुँह में घूँट घूँट पीएँ। खाना ज़मीन पर बैठ कर खाएँ। खाते वक़्त ना तो बात करें और ना ही TV और mobile को देखें। ठोस (solid) भोजन के तुरंत बाद या बीच बीच में जूस या पानी ना लें। भोजन हो जाने के एक घंटे बाद तरल पदार्थ (liquid) ले सकते हैं।

ऐसा करने से हाज़मा कभी ख़राब नहीं होगा।

जानवरों से उपलब्ध होने वाले भोजन वर्जित हैं।

तेल, मसाला, और गेहूँ से परहेज़ करेंगे तो अच्छा होगा। चीनी के जगह गुड़ का सेवन करें।

हफ़्ते में एक दिन उपवास करें। शाम तक केवल पानी लें, प्यास लगे तो ही पीएँ। शाम 5 बजे नारियल पानी लें और 2 घंटे बाद सलाद लें।

धन्यवाद।

रूबी, 

प्राकृतिक जीवनशैली प्रशिक्षिका व मार्गदर्शिका (Nature Cure Guide & Educator)


Scan QR code to download Wellcure App
Wellcure
'Come-In-Unity' Plan