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Q&A
10:00 AM | 05-11-2019

I have some kind of agitation in my head always. Sometimes it increases and makes me feel as I am off balance while walking or standing. Also some times, I receive sudden head jerks with no reason. Once in week I notice during sleep some flow of current type sensation in my head followed by jerks in body and numbness in hand and feet. This doesn't allow me to sleep and early morning I feel my legs are restless. There is always an urge to move them. What is this? How to cure it?


The answers posted here are for educational purposes only. They cannot be considered as replacement for a medical 'advice’ or ‘prescription’. ...The question asked by users depict their general situation, illness, or symptoms, but do not contain enough facts to depict their complete medical background. Accordingly, the answers provide general guidance only. They are not to be interpreted as diagnosis of health issues or specific treatment recommendations. Any specific changes by users, in medication, food & lifestyle, must be done through a real-life personal consultation with a licensed health practitioner. The views expressed by the users here are their personal views and Wellcure claims no responsibility for them.

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3 Answers

05:09 PM | 06-11-2019

नमस्ते,
 

 भोजन में अधिकतर अम्लीय पदार्थ जैसे- चाय ,चावल ,चीनी ,अचार, मिठाईयां, डिब्बाबंद भोज्य पदार्थ, मैदे से बनी हुई वस्तुएं इत्यादि लेने से इनका पाचन ,अवशोषण और मल का निष्कासन सही तरीके से नहीं हो पाता जिससे दूषित पदार्थ आंत में ही सड़ने लगते हैं रक्त अम्लीय हो जाता है ,पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन की आपूर्ति मस्तिष्क को नहीं हो पाती परिणाम स्वरूप इस तरीके की समस्याएं आती हैं यह केंद्रीय तंत्रिका तंत्र से संबंधित समस्या है कभी-कभी सिर में चोट लगने, आघात इत्यादि वजह से भी ऐसा देखने को मिलता है ।

  • नींद -रात्रि में कम से कम 8 घंटे की नींद अवश्य लें इससे शरीर से दूषित पदार्थ बाहर निकलते हैं, कोशिकाओं की टूट-फूट की मरम्मत होते हैं ।

 

  • प्रतिदिन प्रातः काल खीरा ,लौकी ,नारियल पानी या अनार के जूस का सेवन करें।

 

  •  भोजन में 80% मौसमी फल एवं हरी पत्तेदार सब्जियों को खूब चबा चबाकर सेवन करें इससे इनका पाचन अवशोषण एवं मन का निष्कासन आसानी से होता है शरीर के सभी अंगों को पर्याप्त मात्रा में पोषण प्राप्त होता है ।

 

  • प्यास लगने पर मिट्टी के घड़े में रखे हुए जल को बैठकर धीरे-धीरे सेवन करें इससे शरीर के सभी अंगों को आवश्यक मात्रा में जल की आपूर्ति होती है !

 

  • सप्ताह में कम से कम 1 दिन उपवास रहें इससे शरीर से दूषित पदार्थ बाहर निकल जाते हैं।

 

  •  प्रतिदिन  10 -12 बादाम को एक गिलास पानी में प्रातः काल उस बादाम को खूब चबा चबाकर सेवन करें।
  • चनेेे को एक गिलास पानी में भिगो दे प्रातः काल उस पानी कोो पी जाएं जबांग अंकुरित हो जाए उसे खूब चबा चबाकर सेवन करें।

 

  • प्राणायाम- अनुलोम विलोम,भ्रामरी प्राणायाम मस्तिष्क को पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन की आपूर्ति करते हैं।
  • ध्यान एवं योग निद्रा मन को शांत करते हैं।
  • समस्त योग की क्रियाएं अनुभवी योग एवं नेचुरोपैथी फिजीशियन के निर्देशन में ही करें।
  • प्रसन्न चित्त रहें, खुलकर हंसे ,सकारात्मक सोचें।

 निषेध- जानवरों से प्राप्त भोज्य पदार्थ, चीनी ,मैदा से बनी हुई चीजें ,ठंडे पेय पदार्थ , तनाव ,रात्रि जागरण ,सोने से 2 घंटे पहले  मोबाइल,टेलीविजन ,कंप्यूटर का प्रयोग।



07:56 PM | 05-11-2019

हेलो,

 

कारण - रक्त प्रवाह और ऑक्सिजन की कमी के वजह से ऐसा हो रहा है। ख़राब हाज़मा के कारण रक्त प्रवाह और ऑक्सिजन की कमी हो जाती है।अम्ल की अधिकता के कारण ऐसा हो रहा है।

दोष पुर्ण आहार, दोष पुर्ण जीवन शैली, अनिद्रा, तनाव इसका मुल कारण है।

समाधान - सुप्त मत्स्येन्द्रासन, धनुरासन

पश्चिमोत्तानासन, अर्धमत्स्येन्द्रासन, शवासन करें।

10% कच्चे हरे पत्ते और सब्ज़ी का जूस बिना नमक निम्बू के लेना है।30% कच्चे सब्ज़ी का सलाद बिना नमक निम्बू के लेना है।10% ताज़ा नारियल सलाद में मिला कर लेना है। 20% फल को लें। पके हुए खाने को केवल एक बार खाएँ नमक भी केवल एक बार पके हुए खाने लें। पके हुए खाने में सब्ज़ी भाँप में पके हों और तेल घी रहित होना चाहिए सब्ज़ी की मात्रा 20% और millet या अनाज की मात्रा 10% हो।

आँख पर गुलाब जल की गीली पट्टी रखें। उसके ऊपर खीरा और धनिया पत्ता का पेस्ट रखें। 20मिनट बाद हटा लें। 

खाना खाने से एक घंटे पहले नाभि के ऊपर गीला सूती कपड़ा लपेट कर रखें या खाना के 2 घंटे बाद भी ऐसा कर सकते हैं।

मेरुदंड (स्पाइन) सीधा करके बैठें। हमेशा इस बात ध्यान रखें और हफ़्ते में 3 दिन मेरुदंड का स्नान करें। मेरुदंड स्नान के लिए अगर टब ना हो तो एक मोटा तौलिया गीला कर लें बिना निचोरे उसको बिछा लें और अपने मेरुदंड को उस स्थान पर रखें। 

 

सर पर सूती कपड़ा बाँध कर उसके ऊपर खीरा और मेहंदी या करी पत्ते का पेस्ट लगाएँ,नाभि पर खीरा का पेस्ट लगाएँ।पैरों को 20 मिनट के लिए सादे पानी से भरे किसी बाल्टी या टब में डूबो कर रखें।

जीवन शैली - आकाश तत्व - एक खाने से दुसरे खाने के बीच में अंतराल (gap) रखें।

फल के बाद 3 घंटे, सलाद के बाद 5 घंटे, और पके हुए खाने के बाद 12 घंटे का (gap) रखें।

वायु तत्व - प्राणायाम करें, आसन करें। दौड़ लगाएँ।

अग्नि - सूर्य की रोशनी लें।

जल - अलग अलग तरीक़े का स्नान करें। मेरुदंड स्नान, हिप बाथ, गीले कपड़े की पट्टी से पेट की गले और सर की 20 मिनट के लिए सेक लगाए। 

स्पर्श थरेपी करें। मालिश के ज़रिए भी कर सकते है। नारियल तेल से

घड़ी की सीधी दिशा (clockwise) में और घड़ी की उलटी दिशा (anti clockwise)में मालिश करें। नरम हाथों से बिल्कुल भी प्रेशर नहीं दें।

पृथ्वी - सुबह खीरे का जूस लें, खीरा 1/2 भाग + धनिया पत्ती (10 ग्राम) पीस लें, 100 ml पानी मिला कर पीएँ। यह juice आप कई प्रकार के ले सकते हैं। पेठे (ashguard ) का जूस लें और कुछ नहीं लेना है। नारियल पानी भी ले सकते हैं। बेल का पत्ता 8 से 10 पीस कर I100ml पानी में मिला कर पीएँ। खीरा 1/2 भाग + धनिया पत्ती (10 ग्राम) पीस लें, 100 ml पानी में मिला कर पीएँ। बेल पत्ता 8 से 10 पीस कर 100 ml पानी में मिला कर लें। दुब घास 25 ग्राम पीस कर छान कर 100 ml पानी में मिला कर पीएँ। कच्चे सब्ज़ी का जूस आपका मुख्य भोजन है। 2 घंटे बाद फल नाश्ते में लेना है। 

फल को चबा कर खाएँ। इसका juice ना लें। फल + सूखे फल नाश्ते में लें।

दोपहर के खाने में सलाद + नट्स और अंकुरित अनाज के लें। बिना नींबू और नमक के लें। स्वाद के लिए नारियल और herbs मिलाएँ।

रात के खाने में इस अनुपात से खाना खाएँ 2 कटोरी सब्ज़ी के साथ 1कटोरी चावल या 1रोटी लें। एक बार पका हुआ खाना रात को 7 बजे से पहले लें।ओ

सेंधा नमक केवल एक बार पके हुए खाने में लें। जानवरों से उपलब्ध होने वाले भोजन वर्जित हैं।

तेल, मसाला, और गेहूँ से परहेज़ करेंगे तो अच्छा होगा। चीनी के जगह गुड़ लें।

एक नियम हमेशा याद रखें ठोस(solid) खाने को चबा कर तरल (liquid) बना कर खाएँ। तरल  को मुँह में घूँट घूँट पीएँ। खाना ज़मीन पर बैठ कर खाएँ। खाते वक़्त ना तो बात करें और ना ही TV और mobile को देखें।ठोस  भोजन के तुरंत बाद या बीच बीच में जूस या पानी ना लें। भोजन हो जाने के एक घंटे बाद तरल पदार्थ  ले सकते हैं।

हफ़्ते में एक दिन उपवास करें। शाम तक केवल पानी लें, प्यास लगे तो ही पीएँ। शाम 5 बजे नारियल पानी और रात 8 बजे सलाद लें।

उपवास के अगले दिन किसी प्राकृतिक चिकित्सक के देख रेख में टोना लें। जिससे आँत की प्रदाह को शांत किया जा सके। एनिमा किट मँगा लें। यह किट ऑनलाइन मिल जाएगा। इससे 200ml पानी गुदाद्वार से अंदर डालें और प्रेशर आने पर मल त्याग करें। ऐसा दिन में दो बार करना है अगले 21 दिनों के लिए। ये करना है ताकि शरीर में मोजुद विषाणु निष्कासित हो जाये। इसके बाद हफ़्ते में केवल एक बार लेना है उपवास के अगले दिन। टोना का फ़ायदा तभी होगा जब आहार शुद्धि करेंगे।

धन्यवाद।

रूबी, 

प्राकृतिक जीवनशैली प्रशिक्षिका व मार्गदर्शिका (Nature Cure Guide & Educator



05:48 PM | 09-11-2019

Thank you
बहुत बहुत धन्यवाद


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