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Q&A
10:57 AM | 06-11-2019

Hi all. Recently my son has diagnosed with keratoconus. We are following up with Doctor, but there is no particular treatment to recover it. Is there any natural treatment to cure?

The answers posted here are for educational purposes only. They cannot be considered as replacement for a medical 'advice’ or ‘prescription’. ...The question asked by users depict their general situation, illness, or symptoms, but do not contain enough facts to depict their complete medical background. Accordingly, the answers provide general guidance only. They are not to be interpreted as diagnosis of health issues or specific treatment recommendations. Any specific changes by users, in medication, food & lifestyle, must be done through a real-life personal consultation with a licensed health practitioner. The views expressed by the users here are their personal views and Wellcure claims no responsibility for them.

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4 Answers

05:02 PM | 06-11-2019

Hi. You should get in touch with School for Perfect Vision, Coimbatore. Have heard great things about them. - http://schoolforperfectvision.com/index.php

Or Mumbai based Sanjeevan - https://sanjeevan.in/



04:53 PM | 06-11-2019

Keratoconus is is an eye disorder that is categorized as a progressive eye disease that causes a thinning of the cornea and then it distorts the cornea into a cone-like shape. a structure called keratoconus. Usually, this condition could be corrected by wearing eyeglasses. This condition is most apparent during the teenage or in the early 20s. The condition is believed due to a decrease in the antioxidants in the collagen of the cornea. This condition is mostly a genetical disorder and runs in families.

Yogic Eye Exercises Could Be Useful

Even Opthalmologistsbelieves some focus exercises could be useful. In Yoga, these focus exercises translate into Trataka and Dhristis. Dhristis are the yogic type of focus exercises which could be useful in this condition.

Eye exercises should start with basic eye movements like up and down, sideward movements, diagonal movements, clockwise and anticlockwise rotation, etc. This set of exercises could end with palming.

Palming technique is done by rubbing both hands together, at the start it begins slow and as it progresses it is done faster for a few seconds and then palms are placed over the closed eyes

Bhumadhya Dhristi ( gazing at the area between the two eyebrows)and Nasigagra Dhristi ( Gazing at the tip of the nose by both eyes could be two effective exercises in this condition. Dhristis should also end with the palming technique

Palming technique could give the eye muscles the soothing effect.

Diet rich in antioxidants along with papaya, carrot, beetroot, etc may be consumed. 

 



04:53 PM | 06-11-2019

नमस्ते,

कॉर्निया जो हमारे आँखों के दृष्टि का मुख्य भूमिका निभाता है ,किरेटोकोनस एक ऐसी दुर्लभ बिमारी है जिसमे कॉर्निया के गुम्बदाकार को बदलकर कोणीय रूप में परिवर्तित कर देता है जिसके कारण व्यक्ति को दृष्टिहीनता का सामना तो नहीं करना पड़ता है परंतु उसकी नजर को धुंधला और खराब कर देता है ।
यह एलर्जी ,आनुवांशिकता ,चोट की वजह ,गंभीर बिमारियों की वजह से हो सकता है ।
 

  • रात्रि में 7 से 8 घंटे की नींद अवश्य लें इससे शरीर की कोशिकाओं की मरम्मत होती है।
  • प्रतिदिन पालक या अनार के जूस का सेवन करें।

 

  • भोजन में 80% मौसमी फल एवंं हरी पत्तेदार सब्जियों को खूब चबा चबाकर सेवन करेंं इससे शरीर को पर्याप्त मात्रा में पोषण प्राप्त होता है।
  • प्रतिदिन आंख को ऊपर नीचे दाएं बाएंं दक्षिणावर्त एवं रामावत दिशा में घूम आए प्रत्येक 10 बार आपकी मांसपेशियों का लचीलापन बना रहता है ।

 

  • प्रतिदिन सूर्योदय के समय नारंगी रंग का होता है आंख बंद करके 30 से 1 मिनट तक खड़े रहे आंख का रक्त संचार बढ़ता है ।
  • दोनों हथेलियों को आपस मेंं रगड़े जब गर्म हो जाए, हथेलियों को आंखों पर लगाए मुंह में पानी भरकर आंखों पर  पानी के छींटे मारें
  • प्यास लगने पर मिट्टी के घड़े  में रखे हुए जल को बैठकर धीरे-धीरे सेवन करें इससे शरीर में स्थित अंगों को पर्याप्त मात्रा में जल की आपूर्ति होती है।

नोट -यह एक दुर्लभ बीमारी है जिसमें वरिष्ठ नेत्र रोग विशेषज्ञ के परामर्श के अनुसार इलाज करें।

निषेध- चाय, काफी ,चीनी, मैदा से बनी हुई चीजें, ठंडे पेय पदार्थ ,रात्रि जागरण , सोने से 2 घंटे पहले मोबाइल टेलीविजन कंप्यूटर का प्रयोग।



04:52 PM | 06-11-2019

हेलो,

कारण - आंख कॉर्निया (नेत्रपटल) के अंदर से देख पाती है, यह आंख का बाहरी पारदर्शक लेंस और एक तरह से आंख का “विंडशील्ड” होता है। आमतौर पर कॉर्निया की आकृति गुंबद या एक गेंद के जैसी होती है। लेकिन कभी-कभी कॉर्निया की संरचना इतनी मजबूत नहीं होती कि वह इस गोल आकृति को बनाए रखे। इस वजह से कॉर्निया में बाहर की तरफ उभार आ जाता है और इसकी आकृति एक कोन (शंकु) के जैसी बन जाती है। इस स्थिति को केराटोकोनस कहा जाता है।

रेटिनाइटिस पिगमेंटोसा, डाउन सिंड्रोम, एहलर्स डेनलोस सिंड्रोम, हे फीवर, अस्थमा और अम्ल की अधिकता से बचें।

समाधान - आँखों की समस्या मिनरल की कमी को दर्शाता है। सूर्य उदय और सूर्य अस्त का दर्शन करें फिर अपने दोनो हाँथों को आपस में रगड़ कर आँखों पर 5 मिनट के लिए रखें। आँखों का व्यायाम करें।

आँखों को दाएँ से बाएँ और बाएँ से दाएँ करें गर्दन हिलाएँ नहीं। 5 बार करें फिर आँख बंद करें। अब आँखों को ऊपर से नीचे और नीचे से ऊपर करें गर्दन को हिलाना नहीं है। 5 बार करें फिर आँख बंद करें।घड़ी की सीधी दिशा (clockwise) में

और घड़ी की उलटी दिशा (anti clockwise)में घुमाएँ फिर आँखों को बंद कर के आराम दें। 5 बार करें फिर आँख बंद करें। जल्दी जल्दी आँखों को खोलें बंद करें 5 बार फिर आँख को बंद कर के खोले अब त्राटक क्रिया करें।अपने नाक के सीधी दिशा में एक मोमबत्ती जलाएँ। एक हाथ की दूरी रखें अब उस लो को देखें 5 मिनट तक फिर देखें फिर आँख बंद करके आराम करें। ऐसा दिन में दो बार करें। उसके आँख पर गुलाब जल की गीली पट्टी रखें। उसके ऊपर खीरा और धनिया पत्ता का पेस्ट रखें। 20मिनट बाद हटा लें। 

खाना खाने से एक घंटे पहले नाभि के ऊपर गीला सूती कपड़ा लपेट कर रखें या खाना के 2 घंटे बाद भी ऐसा कर सकते हैं।

मेरुदंड (स्पाइन) सीधा करके बैठें। हमेशा इस बात ध्यान रखें और हफ़्ते में 3 दिन मेरुदंड का स्नान करें। मेरुदंड स्नान के लिए अगर टब ना हो तो एक मोटा तौलिया गीला कर लें बिना निचोरे उसको बिछा लें और अपने मेरुदंड को उस स्थान पर रखें। 

सर पर सूती कपड़ा बाँध कर उसके ऊपर खीरा और मेहंदी या करी पत्ते का पेस्ट लगाएँ,नाभि पर खीरा का पेस्ट लगाएँ।पैरों को 20 मिनट के लिए सादे पानी से भरे किसी बाल्टी या टब में डूबो कर रखें।

कच्चे कर छान कर 100 ml पानी में मिला कर पीएँ।

ये जूस सुबह नाश्ते से एक घंटे पहले लें। नाश्ते में फल लें। दोपहर के खाने से एक घंटा पहले हरा जूस लें। खाने में सलाद नमक सेंधा ही प्रयोग करें। नमक की पके हुए खाने में भी बहुत कम लें। सब्ज़ी पकने बाद उसमें नमक डालें। नमक पका कर या अधिक खाने से शरीर में (fluid)  की कमी हो जाती।

सलाद दोपहर 1बजे बिना नमक के खाएँ तो अच्छा होगा क्योंकि नमक सलाद के गुणों को कम कर देता है। सलाद में हरे पत्तेदार सब्ज़ी को डालें और नारियल पीस कर मिलाएँ। कच्चा पपीता 50 ग्राम कद्दूकस करके डालें। कभी सीताफल ( yellow pumpkin)50 ग्राम ऐसे ही डालें। कभी सफ़ेद पेठा (ashgurad) 30 ग्राम कद्दूकस करके डालें। ऐसे ही ज़ूकीनी 50 ग्राम डालें।कद्दूकस करके डालें।कभी काजू बादाम अखरोट मूँगफली भिगोए हुए पीस कर मिलाएँ। लाल, हरा, पीला शिमला मिर्च 1/4 हिस्सा हर एक का मिलाएँ। शाम 5 बजे नारियल पानी लें।

रात के खाने में इस अनुपात से खाना खाएँ 2 कटोरी सब्ज़ी के साथ 1कटोरी चावल या 1रोटी लें। रात 8 बजे के बाद कुछ ना खाएँ, 12 घंटे का (gap) अंतराल रखें। 8बजे रात से 8 बजे सुबह तक कुछ नहीं खाना है।

एक नियम हमेशा याद रखें ठोस(solid) खाने को चबा कर तरल (liquid) बना कर खाएँ। तरल  को मुँह में घूँट घूँट पीएँ। खाना ज़मीन पर बैठ कर खाएँ। खाते वक़्त ना तो बात करें और ना ही TV और mobile को देखें।ठोस  भोजन के तुरंत बाद या बीच बीच में जूस या पानी ना लें। भोजन हो जाने के एक घंटे बाद तरल पदार्थ  ले सकते हैं।

जानवरों से उपलब्ध होने वाले भोजन वर्जित हैं।

तेल, मसाला, और गेहूँ से परहेज़ करेंगे तो अच्छा होगा। चीनी के जगह गुड़ लें।

हफ़्ते में एक दिन उपवास करें। शाम तक केवल पानी लें, प्यास लगे तो ही पीएँ। शाम 5 बजे नारियल पानी और रात 8 बजे सलाद लें।

धन्यवाद।

रूबी

प्राकृतिक जीवनशैली प्रशिक्षिका मार्गदर्शिका (Nature Cure Guide & Educator)


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