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Q&A
09:51 AM | 07-11-2019

Suffering from cervical tuberculosis on medication since three months, increasing weight and due to medication got drug induced jaundice but now it is ok. I still suffer from poor digestion and less energy. What to do in this situation?

The answers posted here are for educational purposes only. They cannot be considered as replacement for a medical 'advice’ or ‘prescription’. ...The question asked by users depict their general situation, illness, or symptoms, but do not contain enough facts to depict their complete medical background. Accordingly, the answers provide general guidance only. They are not to be interpreted as diagnosis of health issues or specific treatment recommendations. Any specific changes by users, in medication, food & lifestyle, must be done through a real-life personal consultation with a licensed health practitioner. The views expressed by the users here are their personal views and Wellcure claims no responsibility for them.

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3 Answers

09:13 PM | 09-11-2019

In addition to what Vijay Pawar sir has mentioned, Cervical tuberculosis is usually a result of an infection in the lymph nodes, known as lymphadenitis. I encourage you to read this article on how lymphatic system works. 

https://www.wellcure.com/body-wisdom/332/the-lymphatic-system-the-body-s-drainage-system

It’s the most acidic sewage system in the body. It collects acidic wastes from the trillions of cells and collects it in its drain and carries it to all the excretory organs to dispose it off. If you don’t maintain a good diet, enough fluids intake majorly, the sewage system won’t move it’s wastes properly and efficiently and it become stagnant and wherever there is no movement, the collections of wastes from cells happens. TB can happen in any place of the body due to lack of lymphatic movement. The only way to reverse this issue is to switch to a high alkaline diet and to drink a lot of bioavailable fluids from fruits greens and vegetables. The other problems you mentioned are the reasons for this TB. If your stomach did a good job then this issue would not have occurred. Stomach did not do a good job because your lifestyle was acid driven / mucus driven. 

This is my suggestion for a lifestyle change on immediate basis. Please don’t ignore this condition and take this lightly. Even if you feel that you have cured on medications for any issue, the issue is present unless you change your lifestyle to reverse it. Cancers are very common in stagnant lymphatic systems. 

 

1) Feed the body raw fruits more, vegetables, plenty of greens. Avoid any form of cooked food until the TB completely heals and after that only dinner can be cooked without wheat and without oil. Must be using rock salt and not white salt .

2) Drink 3-4 lts of fluids from vegetables fruits and greens including water daily. This is an absolute must as your lymphatic needs heavy flushing. 

3) Sleep for 8 hrs and get up well rested

4) Get exposure to sun every morning

5) Practice pranayama and Yoga as much as possible. Walking also how much ever possible 

6)Emotional thinking can drain ur energy even more and make healing harder. So ensure that you learn ways to stay happy always with life. Listen to BK Shivani, Louis Hay and such people.

 

Foods to be exclusively included - Fruits, vegetables, vegetable juices and green juices. Dont keep overloading uourself with snacking even if its raw. Eat only when hungry.

 

Avoid these absolutely

1) Animal foods like dairy, meat eggs fish

2) Grains and cooked in your condition will be a problem

3) Sugary treats, bakery foods, fried foods, packaged foods, any form of man made sugar jaggery salt avoid forever. 

 

Thanks and be blessed

Smitha hemadri(Educator of natural healing practices)

 



05:53 PM | 09-11-2019

हेलो,

 

कारण - crervical tuberculosis बीमारी के कारण  जो दवाइयाँ आपने लिए उससे लिवर पर असर पड़ा और सही आहार से मदद नहीं मिल पाने के वजह से शरीर में ऊर्जा की कमी हो गयी है। ऊर्जा ना हो तो पाचन क्रिया भी मंद पड़ जाती है। खान पान में सुधार करें। नियमित जीवन शैली को अपनाकर आप पूरे तरीक़े से स्वस्थ हो सकते है।

समाधान - अनुलोम विलोम, आंतरिक कुंभक और बाह्य कुंभक करें। सर्वांगआसन और सूर्य नमस्कार 5 बार करें। दुध या दुध से बना कोई चीज़ ना लें। नीम के पत्ते का और खीरा पेस्ट अपने पेट पर रखें। 20मिनट तक रख कर साफ़ कर लें।

शारीरिक और मानसिक क्रिया में संतुलन बनाए। दौड़ लगाएँ।सुप्त मत्स्येन्द्रासन, धनुरासन

पश्चिमोत्तानासन, अर्धमत्स्येन्द्रासन, शवासन करें।

10% कच्चे हरे पत्ते और सब्ज़ी का जूस बिना नमक निम्बू के लेना है।30% कच्चे सब्ज़ी का सलाद बिना नमक निम्बू के लेना है।10% ताज़ा नारियल सलाद में मिला कर लेना है। 20% फल को लें। पके हुए खाने को केवल एक बार खाएँ नमक भी केवल एक बार पके हुए खाने लें। पके हुए खाने में सब्ज़ी भाँप में पके हों और तेल घी रहित होना चाहिए सब्ज़ी की मात्रा 20% और millet या अनाज की मात्रा 10% हो। शरीर पाँच तत्व से बना हुआ है प्रकृति की ही तरह। आकाश, वायु, अग्नि, जल, पृथ्वी ये पाँच तत्व आपके शरीर में रोज़ खुराक की तरह जाना चाहिए।

जीवन शैली - आकाश तत्व - एक खाने से दुसरे खाने के बीच में अंतराल (gap) रखें।

फल के बाद 3 घंटे, सलाद के बाद 5 घंटे, और पके हुए खाने के बाद 12 घंटे का (gap) रखें।

वायु तत्व - प्राणायाम करें, आसन करें। दौड़ लगाएँ।

अग्नि - सूर्य की रोशनी लें।

जल - अलग अलग तरीक़े का स्नान करें। मेरुदंड स्नान, हिप बाथ, गीले कपड़े की पट्टी से पेट की गले और सर की 20 मिनट के लिए सेक लगाए। 

स्पर्श थरेपी करें। मालिश के ज़रिए भी कर सकते है। नारियल तेल से

घड़ी की सीधी दिशा (clockwise) में और घड़ी की उलटी दिशा (anti clockwise)में मालिश करें। नरम हाथों से बिल्कुल भी प्रेशर नहीं दें।

पृथ्वी - सुबह खीरे का जूस लें, खीरा 1/2 भाग + धनिया पत्ती (10 ग्राम) पीस लें, 100 ml पानी मिला कर पीएँ। यह juice आप कई प्रकार के ले सकते हैं। पेठे (ashguard ) का जूस लें और कुछ नहीं लेना है। नारियल पानी भी ले सकते हैं। बेल का पत्ता 8 से 10 पीस कर I100ml पानी में मिला कर पीएँ। खीरा 1/2 भाग + धनिया पत्ती (10 ग्राम) पीस लें, 100 ml पानी में मिला कर पीएँ। बेल पत्ता 8 से 10 पीस कर 100 ml पानी में मिला कर लें। दुब घास 25 ग्राम पीस कर छान कर 100 ml पानी में मिला कर पीएँ। कच्चे सब्ज़ी का जूस आपका मुख्य भोजन है। 2 घंटे बाद फल नाश्ते में लेना है। 

फल को चबा कर खाएँ। इसका juice ना लें। फल + सूखे फल नाश्ते में लें।

दोपहर के खाने में सलाद + नट्स और अंकुरित अनाज के लें। बिना नींबू और नमक के लें। स्वाद के लिए नारियल और herbs मिलाएँ।

रात के खाने में इस अनुपात से खाना खाएँ 2 कटोरी सब्ज़ी के साथ 1कटोरी चावल या 1रोटी लें। एक बार पका हुआ खाना रात को 7 बजे से पहले लें।ओ

सेंधा नमक केवल एक बार पके हुए खाने में लें। जानवरों से उपलब्ध होने वाले भोजन वर्जित हैं।

तेल, मसाला, और गेहूँ से परहेज़ करेंगे तो अच्छा होगा। चीनी के जगह गुड़ लें।

एक नियम हमेशा याद रखें ठोस(solid) खाने को चबा कर तरल (liquid) बना कर खाएँ। तरल  को मुँह में घूँट घूँट पीएँ। खाना ज़मीन पर बैठ कर खाएँ। खाते वक़्त ना तो बात करें और ना ही TV और mobile को देखें।ठोस  भोजन के तुरंत बाद या बीच बीच में जूस या पानी ना लें। भोजन हो जाने के एक घंटे बाद तरल पदार्थ  ले सकते हैं।

हफ़्ते में एक दिन उपवास करें। शाम तक केवल पानी लें, प्यास लगे तो ही पीएँ। शाम 5 बजे नारियल पानी और रात 8 बजे सलाद लें।

उपवास के अगले दिन किसी प्राकृतिक चिकित्सक के देख रेख में टोना लें। जिससे आँत की प्रदाह को शांत किया जा सके। एनिमा किट मँगा लें। यह किट ऑनलाइन मिल जाएगा। इससे 200ml पानी गुदाद्वार से अंदर डालें और प्रेशर आने पर मल त्याग करें। ऐसा दिन में दो बार करना है अगले 21 दिनों के लिए। ये करना है ताकि शरीर में मोजुद विषाणु निष्कासित हो जाये। इसके बाद हफ़्ते में केवल एक बार लेना है उपवास के अगले दिन। टोना का फ़ायदा तभी होगा जब आहार शुद्धि करेंगे।

धन्यवाद।

रूबी, 

प्राकृतिक जीवनशैली प्रशिक्षिका व मार्गदर्शिका (Nature Cure Guide & Educator)



01:59 PM | 07-11-2019

Dear health seeker, please read the journey of my wife Asha Pawar  ,who got over the disease by nature cure, Refer the undermentioned thread:-


http://www.wellcure.com/health-journeys/96/tb-of-spine-pott-s-spine-cured-by-nature-cure

   V.S.Pawar Member Indian institute of natural therapeutics 


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