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Q&A
07:35 PM | 17-11-2019

I have a fibroid now I'm taking medicine to shrink but the periods are on time but taking a long time to stop after 7 days spotting are there. What should I do? Please suggest me


The answers posted here are for educational purposes only. They cannot be considered as replacement for a medical 'advice’ or ‘prescription’. ...The question asked by users depict their general situation, illness, or symptoms, but do not contain enough facts to depict their complete medical background. Accordingly, the answers provide general guidance only. They are not to be interpreted as diagnosis of health issues or specific treatment recommendations. Any specific changes by users, in medication, food & lifestyle, must be done through a real-life personal consultation with a licensed health practitioner. The views expressed by the users here are their personal views and Wellcure claims no responsibility for them.

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4 Answers

04:29 PM | 18-11-2019

Hi. As per Natural Laws, cysts & irregular periods (timing, duration, flow) happen due to accumulation of toxic material in the body which leads to hormonal imbalance. Please read inspiring Women’s Health-related stories in our Journeys section. Shifting to a natural lifestyle will help you in addressing the problem at its root. You can explore our Nature-Nurtures program that helps you in making the transition, step by step. We will guide you on diet, sleep, exercise, stress to correct your existing routine & make it in line with Natural Laws. 



06:45 PM | 02-12-2019

नमस्ते,

कारण-

  • आयु : फाइब्रॉएड प्रजनन काल के दौरान विकसित होते हैं। खासतौर पर 30 की आयु से लेकर 40 की आयु के बीच या फिर रजोनिवृत्ति शुरू होने तक इसके होने की आशंका सबसे ज्यादा होती है। माना जाता है कि रजोनिवृत्ति शुरू होने के बाद ये कम होने लगते हैं।
  • आनुवंशिक : अगर आपकी मां को यह समस्या रही है, तो आपको यह होने का खतरा तीन गुना तक बढ़ जाता है।
  • मोटापा : वजन अधिक है, तो उसमें फाइब्रॉएड होने की आशंका अन्य महिलाओं के मुकाबले तीन गुना तक ज्यादा होती है।
  • असंतुलित भोजन : अगर आप रेड मीट या फिर जंक फूड ज्यादा खाती हैं और हरी पत्तेदार सब्जियों का सेवन कम करती हैं, तो आप इस बीमारी की चपेट में आ सकती हैं।
  • हार्मोंस : शरीर में एस्ट्रोजन व प्रोजेस्ट्रोन हार्मोंस की मात्रा अधिक होने पर भी गर्भाशय फाइब्रॉएड हो सकता है।
  • विटामिन-डी : शरीर में विटामिन-डी की कमी होने और आयरन की मात्रा बढ़ने पर भी आप यूट्रस फाइब्रॉएड की चपेट में आ सकती हैं।
  • अत्यधिक रक्तस्राव और पीरियड्स के दौरान अहसनीय दर्द होना।

लक्षण-

  • एनीमिया यानी शरीर में लाल रक्त कोशिकाओं की कमी आना।
  • पेट के निचले हिस्से यानी पेल्विक एरिया में भारीपन महसूस होना।
  • पेट के निचले हिस्से का फूलना।
  • बार-बार पेशाब आने का अहसास होना।
  • यौन संबंध बनाते समय दर्द होना।
  • कमर के निचले हिस्से में दर्द होना।
  • प्रजनन क्षमता में कमी यानी बांझपन, बार-बार गर्भपात होना, गर्भावस्था के दौरान सी-सेक्शन का खतरा छह गुना तक बढ़ना।

आपको निम्नलिखित उपाय करने चाहिए-

  • नींद -रात्रि में 7 से 8 घंटे की नींद अवश्य लें, इससे शरीर से दूषित पदार्थ बाहर निकलता है कोशिकाओं की मरम्मत होती है।
  • सूर्योदय के पश्चात 45 मिनट धूप मेंं रहे इससे शरीर में विटामिन डी की आपूर्ति होती है शरीर की समस्त अंतः स्रावी ग्रंथियां सुचारू रूप से अपना कार्य करती हैं।
  •  प्रतिदिन प्रातः गुनगुने पानी ,नींबू एवं शहद का सेवन करें इससे शरीर में अम्ल एवं क्षार का संतुलन बना रहता है, आंंत की दीवारें फैलती हैं, शरीर से दूषित पदार्थ बाहर निकलते हैं जिससे क्रमांक कुंचन गति सुचारू रूप से होती है।
  •  प्रतिदिन पालक ,चुकंदर ,नारियल पानी या आंवले के जूस का सेवन करें इससे शरीर में अम्ल एवं क्षार का संतुलन बना रहता है ,शरीर के सभी अंग सुचारू रूप से अपना कार्य करते हैं, विटामिन बी 12 की प्राप्ति होती है।
  •  प्रतिदिन भोजन में 50% ताजे मौसमी फल 35% हरी पत्तेदार सब्जियां 10% साबुत अंकुरित अनाज, 5% सूखे मेवे का सेवन खूब चबा चबाकर करें, यह हल्के एवं सुपाच्य होते  हैं, संतुलित मात्रा में शरीर को पोषण प्राप्त होता है, अंग सुचारू रूप से अपना कार्य करते हैं.।
  • प्यास लगने पर मिट्टी के घड़े में रखे हुए जल को बैठकर धीरे-धीरे सेवन करें इससे शरीर को पर्याप्त मात्रा में जल की आपूर्ति होती है ,शरीर के सभी अंग सुचारू रूप से अपना कार्य करते हैं।
  •  सप्ताह में कम से कम 1 दिन उपवास रहें इससे शरीर से दूषित पदार्थ बाहर निकलते हैं, पाचन अंगों को आराम मिलता है ।
  • दो चम्मच हल्दी पाउडर एक लीटर पानी में हल्दी को मिलाएं और करीब 15 मिनट तक उबालें,इसके बाद पानी को ठंडा होने दें और फिर रोज दो बार पिएं, हल्दी में एंटीऑक्सीडेंट और एंटीइंफ्लेमेटरी गुण होते हैं। साथ ही हल्दी कैंसर व फाइब्रॉएड जैसी बीमारियों को ठीक करने में सक्षम है।हल्दी के सेवन से गर्भाशय के अंदर व बाहर कोमल मांसपेशियों के सेल विकसित होते हैं, जिससे प्रजनन क्षमता बेहतर हो सकती है। इसके अलावा, हल्दी एंटीइंफ्लेमेटरी का प्रमुख स्रोत होने के कारण गर्भाशय में पनपने वाली सूजन व ट्यूमर को जड़ से खत्म कर सकती है ।
  • एक चम्मच आंवला के रस,एक चम्मच शहद,को मिलाकर रोज सुबह खाली पेट करीब एक माह तक नियमित रूप से खाएं ,आंवले में एंटीऑक्सीडेंट, एंटीइंफ्लेमेटरी और एंटीबैक्टीरियल गुण पाए जाते हैं,फाइब्रॉएड में खून की कमी हो जाती है, जबकि आंवले के सेवन से लाल रक्त कोशिकाओं के निर्माण में वृद्धि होती है ।
  • प्रतिदिन सुगंधित पुष्पों से युक्त बगीचे में प्रसन्न होकर नंगे पाव टहलें, मन शांत एवं तनाव मुक्त  रहता है। 

निषेध -जानवरों से प्राप्त भोज पदार्थ चाय काफी चीनी मिठाईयां नमक नमकीन ठंडे पेय पदार्थ डिब्बाबंद भोज्य पदार्थ रात्रि जागरण ,क्रोध, ईर्ष्या , चिंता ,तनाव सोने से 2 घंटे पहले मोबाइल, टेलीविजन ,कंप्यूटर का प्रयोग।



09:33 AM | 19-11-2019

You can practice yoga daily
Apply mud pack daily in empty stomach on your abdomen. 
Generally fibroids do not cause major problems depending upon its location. 



05:45 PM | 18-11-2019

हेलो,

कारण - हार्मोंस : शरीर में एस्ट्रोजन व प्रोजेस्ट्रोन हार्मोंस की मात्रा अधिक होने पर भी गर्भाशय फाइब्रॉएड हो सकता है।

असंतुलित भोजन : अगर आप रेड मीट या फिर जंक फूड ज्यादा खाती हैं और हरी पत्तेदार सब्जियों का सेवन कम करती हैं, तो आप इस बीमारी की चपेट में आ सकती हैं।

महिला का वजन अधिक है, तो उसमें फाइब्रॉएड होने की आशंका अन्य महिलाओं के मुकाबले तीन गुना तक ज्यादा होती है।

शरीर में विटामिन-डी की कमी होने और आयरन की मात्रा बढ़ने पर भी आप यूट्रस फाइब्रॉएड (uterus fibroid) की चपेट में आ सकती हैं।

समाधान - पेशाब करते वक़्त पेशाब 5 सेकंड रोक कर पेशाब करें फिर 5 सेकंड रुकें फिर करें ऐसा जब भी पेशाब करने जाएँ तो करें।

गर्म खाना या पेय पदार्थ सेवन ना करें।

एक टब में पानी भर कर उसमें बैठें।

20 मिनट बाद तक संकुचन क्रिया को दोहराएँ।

पानी के बदले कच्चे सब्ज़ी सलाद और फल लें।

मर्ज़ारि आसन करें। अनुलोम विलोम प्राणायाम करें।

गोमुख आसन करें। भुजंग आसन करें। शारीरिक और मानसिक क्रिया में संतुलन बनाए। दौड़ लगाएँ।सुप्त मत्स्येन्द्रासन, धनुरासन

पश्चिमोत्तानासन, अर्धमत्स्येन्द्रासन, शवासन करें।

10% कच्चे हरे पत्ते और सब्ज़ी का जूस बिना नमक निम्बू के लेना है।30% कच्चे सब्ज़ी का सलाद बिना नमक निम्बू के लेना है।10% ताज़ा नारियल सलाद में मिला कर लेना है। 20% फल को लें। पके हुए खाने को केवल एक बार खाएँ नमक भी केवल एक बार पके हुए खाने लें। पके हुए खाने में सब्ज़ी भाँप में पके हों और तेल घी रहित होना चाहिए सब्ज़ी की मात्रा 20% और millet या अनाज की मात्रा 10% हो।

जीवन शैली - आकाश तत्व - एक खाने से दुसरे खाने के बीच में अंतराल (gap) रखें।

फल के बाद 3 घंटे, सलाद के बाद 5 घंटे, और पके हुए खाने के बाद 12 घंटे का (gap) रखें।

वायु तत्व - प्राणायाम करें, आसन करें। दौड़ लगाएँ।

अग्नि - सूर्य की रोशनी लें।

जल - अलग अलग तरीक़े का स्नान करें। मेरुदंड स्नान, हिप बाथ, गीले कपड़े की पट्टी से पेट की गले और सर की 20 मिनट के लिए सेक लगाए। 

स्पर्श थरेपी करें। मालिश के ज़रिए भी कर सकते है। नारियल तेल से

घड़ी की सीधी दिशा (clockwise) में और घड़ी की उलटी दिशा (anti clockwise)में मालिश करें। नरम हाथों से बिल्कुल भी प्रेशर नहीं दें।

पृथ्वी - सुबह खीरे का जूस लें, खीरा 1/2 भाग + धनिया पत्ती (10 ग्राम) पीस लें, 100 ml पानी मिला कर पीएँ। यह juice आप कई प्रकार के ले सकते हैं। पेठे (ash guard ) का जूस लें और कुछ नहीं लेना है। नारियल पानी भी ले सकते हैं। बेल का पत्ता 8 से 10 पीस कर I100ml पानी में मिला कर पीएँ। खीरा 1/2 भाग + धनिया पत्ती (10 ग्राम) पीस लें, 100 ml पानी में मिला कर पीएँ। बेल पत्ता 8 से 10 पीस कर 100 ml पानी में मिला कर लें। दुब घास 25 ग्राम पीस कर छान कर 100 ml पानी में मिला कर पीएँ। कच्चे सब्ज़ी का जूस आपका मुख्य भोजन है। 2 घंटे बाद फल नाश्ते में लेना है। 

फल को चबा कर खाएँ। इसका juice ना लें। फल + सूखे फल नाश्ते में लें।

दोपहर के खाने में सलाद + नट्स और अंकुरित अनाज के साथ कच्चे सब्ज़ी सलाद में हरे पत्तेदार सब्ज़ी को डालें और नारियल पीस कर मिलाएँ। कच्चा पपीता 50 ग्राम कद्दूकस करके डालें। कभी सीताफल ( yellow pumpkin)50 ग्राम ऐसे ही डालें। कभी सफ़ेद पेठा (ashgurad) 30 ग्राम कद्दूकस करके डालें। ऐसे ही ज़ूकीनी 50 ग्राम डालें।कद्दूकस करके डालें।कभी काजू बादाम अखरोट मूँगफली भिगोए हुए पीस कर मिलाएँ। लाल, हरा, पीला शिमला मिर्च 1/4 हिस्सा हर एक का मिलाएँ।लें। बिना नींबू और नमक के लें। स्वाद के लिए नारियल और herbs मिलाएँ।

रात के खाने में इस अनुपात से खाना खाएँ 2 कटोरी सब्ज़ी के साथ 1कटोरी चावल या 1रोटी लें। एक बार पका हुआ खाना रात को 7 बजे से पहले लें।ओ

सेंधा नमक केवल एक बार पके हुए खाने में लें। जानवरों से उपलब्ध होने वाले भोजन वर्जित हैं।

तेल, मसाला, और गेहूँ से परहेज़ करेंगे तो अच्छा होगा। चीनी के जगह गुड़ लें।

एक नियम हमेशा याद रखें ठोस(solid) खाने को चबा कर तरल (liquid) बना कर खाएँ। तरल  को मुँह में घूँट घूँट पीएँ। खाना ज़मीन पर बैठ कर खाएँ। खाते वक़्त ना तो बात करें और ना ही TV और mobile को देखें।ठोस  भोजन के तुरंत बाद या बीच बीच में जूस या पानी ना लें। भोजन हो जाने के एक घंटे बाद तरल पदार्थ  ले सकते हैं।

हफ़्ते में एक दिन उपवास करें। शाम तक केवल पानी लें, प्यास लगे तो ही पीएँ। शाम 5 बजे नारियल पानी और रात 8 बजे सलाद लें।

उपवास के अगले दिन किसी प्राकृतिक चिकित्सक के देख रेख में टोना लें। जिससे आँत की प्रदाह को शांत किया जा सके। एनिमा किट मँगा लें। यह किट ऑनलाइन मिल जाएगा। इससे 200ml पानी गुदाद्वार से अंदर डालें और प्रेशर आने पर मल त्याग करें। ऐसा दिन में दो बार करना है अगले 21 दिनों के लिए। ये करना है ताकि शरीर में मोजुद विषाणु निष्कासित हो जाये। इसके बाद हफ़्ते में केवल एक बार लेना है उपवास के अगले दिन। टोना का फ़ायदा तभी होगा जब आहार शुद्धि करेंगे।

धन्यवाद।

रूबी, 

प्राकृतिक जीवनशैली प्रशिक्षिका व मार्गदर्शिका (Nature Cure Guide & Educator)


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