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Q&A
06:50 PM | 02-04-2020

Meri wife age 64 ko ratko nind nahi aati hai puri rat bister per ulat palat karti hai?


The answers posted here are for educational purposes only. They cannot be considered as replacement for a medical 'advice’ or ‘prescription’. ...The question asked by users depict their general situation, illness, or symptoms, but do not contain enough facts to depict their complete medical background. Accordingly, the answers provide general guidance only. They are not to be interpreted as diagnosis of health issues or specific treatment recommendations. Any specific changes by users, in medication, food & lifestyle, must be done through a real-life personal consultation with a licensed health practitioner. The views expressed by the users here are their personal views and Wellcure claims no responsibility for them.

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3 Answers

07:13 PM | 02-04-2020

Dear Tulsidas,

We appreciate your concern about your wife's inability to sleep well. A good night's sleep indeed plays an important role in maintaining good health. Please understand, there are a number of factors that govern the quality of our sleep, like the food we eat, our stress level, nature of work, physical activity, emotional well-being and so on. When we align our habits and lifestyle to the Laws of Nature we can ensure the right inputs to our body. Physical, as well as mental health, becomes a natural outcome. We would recommend you reconsider your wife's current lifestyle. Try and align it to nature. 

You can explore our Nature-Nurtures Program that can help your wife in making the transition, step by step. Our Natural Health Coach will look into her daily routine in a comprehensive way and give her an action plan. She/he will guide her on the diet, sleep, exercise, stress to correct her existing routine & make it in line with Natural Laws.

In the meanwhile, you could read the following articles on sleep:

  1. Sleep - your natural doctor 
  2. 9 ways to sleep better, naturally
  3. Tackle sleeplessness through nature

All the best!

Team Wellcure



08:06 PM | 03-04-2020

तनाव के बाहरी स्रोत भी नींद न आने का कारण हैं। हमें अपने सोने के तरीके को ठीक करने के लिए सभी तरीकों से काम करना होगा। अच्छी नींद एक स्वस्थ शरीर की प्रतिक्रिया है, हल्का भोजन करना। जब हम कुछ भारी खाते हैं, तो यह हमारे शरीर को आराम करने की अनुमति नहीं देता है क्योंकि यह चयापचय प्रक्रिया द्वारा हमारे शरीर को थका देता है। शरीर और मन के लिए हल्का भोजन स्वस्थ है। यहां मुख्य बात यह है, यह सब कुछ, भोजन, ध्यान, नींद और व्यायाम के बारे में होना चाहिए जो अच्छे स्वास्थ्य के लिए समामेलित करता है।

खा:

सुबह की पहली बात यह है कि अपने दिन की शुरुआत प्रकृति की किसी रोशनी से करें। पचाने में आसान है आपका नाश्ता होना चाहिए क्योंकि वे एक प्रकार के पोषक तत्व होते हैं जो आसानी से अवशोषित हो जाते हैं। यहां तक ​​कि सुबह के अनुष्ठान में दो-तीन गिलास गर्म पानी का सेवन शामिल होना चाहिए जो सभी विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करेगा। आदर्श आहार कम से कम एक महीने के लिए फलों और कच्ची सब्जियों के सेवन पर निर्भर होना और कुछ तेल-आधारित चीजों से परहेज करना होगा।

एक कप नींबू के साथ दो कप पानी में उबला हुआ अदरक का एक इंच, सोने से पहले 5-10 मिनट के लिए उबाल लें, क्योंकि इससे नसों को सुखाने और आपके दिमाग को आराम देने में मदद मिलती है।

व्यायाम:

प्राणायाम शरीर को डिटॉक्स करने में मदद करता है। एक ऐसे क्षेत्र में सुबह जल्दी अभ्यास करना, जिसमें अच्छी धूप हो, रक्त परिसंचरण में सुधार करने में मदद मिलेगी।

सूर्यनमस्कार, दैनिक 12 सेट आपके शरीर के रक्त परिसंचरण को बढ़ाने में मदद करेंगे।

सोने से पहले 15 मिनट के लिए stretches, अपने शरीर को स्वस्थ आराम देने के लिए।

ध्यान:

किसी भी तरह की बीमारी में, तनाव इसके लिए पूरक है। लेकिन हमारे आश्वासन और सकारात्मक दृष्टिकोण के साथ, हम कुछ भी इलाज कर सकते हैं। शुरू करने के लिए सबसे अच्छी बात यह है कि सकारात्मक रहने के लिए संगीत की मदद से सोने से पहले अच्छी तरह से सांस लें। एक कमरे में एक कटोरी पानी लें और उसमें दो-तीन बूंदें नारंगी या लैवेंडर एसेंशियल ऑयल मिलाएं।

यह आपको सुखदायक बनाने में मदद करेगा और सुगंध आपको आराम देगी और आपको किसी भी तरह की बीमारी से दूर रखेगी। सुखदायक संगीत का एक टुकड़ा सुनकर सोने से पहले 15 मिनट की विश्राम तकनीक का उपयोग करें और गहरी साँस लेने से आपके दिमाग को आराम देने में मदद मिलेगी। सोने से एक घंटे पहले सिर की मालिश करें, नारियल का तेल बेहतर है।

एक सकारात्मक दृष्टिकोण आपको जीवन में हर चीज से निपटने में मदद करेगा। सोने से पहले गैजेट मुक्त हो जाएं, अपने कमरे को पूरी तरह से ध्वनिरोधी बनाएं।

उम्मीद है, ये सुझाव आपकी मदद करेंगे।

धन्यवाद।



01:02 PM | 03-04-2020

हेलो,
कारण - ऐसा माना जाता है कि जब कोई जीवन में समस्या या चिंता या किसी दर्दनाक घटना से हम गुजरते हैं तो नींद की कमी आती है लेकिन कभी-कभी ऐसा भी हो सकता है कि जीवन में सब कुछ ठीक चल रहा हो फिर भी हमें नींद की समस्या हो सकती है इसका कारण है कि हमारा पाचन तंत्र स्वास्थ्य नहीं है हमारे शरीर में अम्ल की अधिकता हो रही है और अम्ल की अधिकता होने पर शरीर दिमाग में ऑक्सीजन का कमी हो जाता है रक्त संचार ठीक प्रकार से नहीं होता है तो हमारा दिमाग नींद के लिए किसी दवाई पर स्थित होने लगता है। शारीरिक और मानसिक क्रिया का संतुलन बनाना भी स्वाभाविक नींद आने के लिए आवश्यक होता है।टीवी मोबाइल का यूज रात को सोने से 2 घंटे पहले ही बंद कर देना चाहिए ताकि हम सोने से पहले माहौल बना सके रात को सोने से 3 घंटे पहले अपना रात का भोजन खा ले या फिर रात को भोजन बहुत ही हल्का करें अगर आप देर से खा रहे हैं जैसे कि सूप या सलाद या फल केवल ले।

समाधान - 1. भ्रामरी प्राणायाम,ताड़ासन, नटराजासन

वृक्षासन,हस्तपादासन, सर्वांगासन, हलासन, पवन-मुक्तासन, अनुलोम-विलोम प्राणायाम करें। वाद्य यंत्र शास्त्री संगीत (instrumental classical music)सुनें।

2. मेरुदंड स्नान काफी लाभकारी होता है यह हमारे स्नायु तंत्र को स्वस्थ रखता है । एक मोटा तोलिया लेकर उसको भिगो दें बिना निचोड़े योगा मैट पर बिछाए और उसके ऊपर कमर से लेकर के कंधे तक का हिस्सा रखें। उस गीले तौलिए पर रहे 20 मिनट के बाद इसको हटा दें। ऐसा करने से आप का मेरुदंड में ब्लड और ऑक्सीजन का सरकुलेशन ठीक हो जाएगा।  जो कि हमारे सिर के नसों से कनेक्टेड रहता है।

3. लंबा गहरा श्वास अंदर लें रुको थोड़ी देर सांस को पूरी तरीके से खाली करें और फिर रुके थोड़ी देर ऐसा करने से आपके शरीर में ऑक्सीजन का सरकुलेशन ठीक हो जाएगा ।

जीवन शैली - 1. आकाश तत्व - एक खाने से दुसरे खाने के बीच में अंतराल (gap) रखें।

फल के बाद 3 घंटे, सलाद के बाद 5 घंटे, और पके हुए खाने के बाद 12 घंटे का (gap) रखें।

2.वायु तत्व - प्राणायाम करें, आसन करें। दौड़ लगाएँ।

3.अग्नि - सूर्य की रोशनी लें।

4.जल - अलग अलग तरीक़े का स्नान करें। मेरुदंड स्नान, हिप बाथ, गीले कपड़े की पट्टी से पेट की गले और सर की 20 मिनट के लिए सेक लगाए। 

स्पर्श थरेपी करें। मालिश के ज़रिए भी कर सकते है।

तिल के तेल रीढ़ की हड्डी पर घड़ी की सीधी दिशा (clockwise) में और घड़ी की उलटी दिशा (anti clockwise)में मालिश करें। नरम हाथों से बिल्कुल भी प्रेशर नहीं दें।

5.पृथ्वी - सुबह खीरा 1/2 भाग धनिया पत्ती (10 ग्राम) पीस लें, 100 ml पानी मिला कर पीएँ। यह juice आप कई प्रकार के ले सकते हैं। पेठे (ashguard ) का जूस लें और कुछ नहीं लेना है। नारियल पानी भी ले सकते हैं। पालक  पत्ते धो कर पीस कर 100ml पानी डाल पीएँ। दुब घास 25 ग्राम पीस कर छान कर 100 ml पानी में मिला कर पीएँ। कच्चे सब्ज़ी का जूस आपका मुख्य भोजन है। 2 घंटे बाद फल नाश्ते में लेना है। 

फल को चबा कर खाएँ। इसका juice ना लें। फल सूखे फल नाश्ते में लें।

दोपहर के खाने में सलाद नट्स और अंकुरित अनाज के साथ  सलाद में हरे पत्तेदार सब्ज़ी को डालें और नारियल पीस कर मिलाएँ। कच्चा पपीता 50 ग्राम कद्दूकस करके डालें। कभी सीताफल ( yellow pumpkin)50 ग्राम ऐसे ही डालें। कभी सफ़ेद पेठा (ashgurd) 30 ग्राम कद्दूकस करके डालें। ऐसे ही ज़ूकीनी 50 ग्राम डालें।कद्दूकस करके डालें।कभी काजू बादाम अखरोट मूँगफली भिगोए हुए पीस कर मिलाएँ। 

लाल, हरा, पीला शिमला मिर्च 1/4 हिस्सा हर एक का मिलाएँ। लें। बिना नींबू और नमक के लें। स्वाद के लिए नारियल और herbs मिलाएँ।

रात के खाने में इस अनुपात से खाना खाएँ 2 कटोरी सब्ज़ी के साथ 1कटोरी चावल या 1रोटी लेएक बार पका हुआ खाना रात को 7 बजे से पहले लें।

6.एक नियम हमेशा याद रखें ठोस(solid) खाने को चबा कर तरल (liquid) बना कर खाएँ। तरल  को मुँह में घूँट घूँट पीएँ। खाना ज़मीन पर बैठ कर खाएँ। खाते वक़्त ना तो बात करें और ना ही TV और mobile को देखें।ठोस  भोजन के तुरंत बाद या बीच बीच में जूस या पानी ना लें। भोजन हो जाने के एक घंटे बाद तरल पदार्थ ले सकते हैं।

हफ़्ते में एक दिन उपवास करें। शाम तक केवल पानी लें, प्यास लगे तो ही पीएँ। शाम 5 बजे नारियल पानी और रात 8 बजे सलाद लें।

7. उपवास के अगले दिन किसी प्राकृतिक चिकित्सक के देख रेख में टोना लें। जिससे आँत की प्रदाह को शांत किया जा सके। एनिमा किट मँगा लें। यह किट ऑनलाइन मिल जाएगा। इससे 200ml पानी गुदाद्वार से अंदर डालें और प्रेशर आने पर मल त्याग करें। ऐसा दिन में दो बार करना है अगले 21 दिनों के लिए। ये करना है ताकि शरीर में मोजुद विषाणु निष्कासित हो जाये। इसके बाद हफ़्ते में केवल एक बार लेना है उपवास के अगले दिन। टोना का फ़ायदा तभी होगा जब आहार शुद्धि करेंगे।

 

धन्यवाद।

रूबी, 

प्राकृतिक जीवनशैली प्रशिक्षिका व मार्गदर्शिका (Nature Cure Guide & Educator)

 


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