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Q&A
02:26 PM | 26-11-2020

Is there a way to treat reoccurring Urethral stricture. Pls advise


The answers posted here are for educational purposes only. They cannot be considered as replacement for a medical 'advice’ or ‘prescription’. ...The question asked by users depict their general situation, illness, or symptoms, but do not contain enough facts to depict their complete medical background. Accordingly, the answers provide general guidance only. They are not to be interpreted as diagnosis of health issues or specific treatment recommendations. Any specific changes by users, in medication, food & lifestyle, must be done through a real-life personal consultation with a licensed health practitioner. The views expressed by the users here are their personal views and Wellcure claims no responsibility for them.

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2 Answers

01:25 PM | 04-12-2020

Hello Kiran,

Urethral stricture is a condition in the urethra in which the urethra's lumen narrows down, resulting in restricted urine flow. It mostly affects men but in rare cases, urethral stricture in female can also be seen.
There are various causes for urethral stricture. Any kind of inflammation that happens in the urethra causes it to scar and that could often be a cause of the stricture. Most common causes of urethral stricture include tumours, trauma, infection, urethral instrumentation. 

How to prevent?

Practising safe sex is a great way to prevent urethral stricture as STD is one of the common causes of urethral stricture. 

What to do for getting relief?

Here are some tips which will be effective if followed daily.

  • Drink plenty of fluids, mainly water. It stimulates the urge and frequency of urinating. Hence staying hydrated and consuming more of diuretics ensures that there is no overgrowth of infection-causing bacteria in the urethra.
  • Cranberry juice will be helpful in clearing the inflammation in the urethra. It also restores the pH balance to normal and also helps in breaking any blockage in the urethra. Hence, you should have a cup of unsweetened cranberry juice every day to treat urethral stricture faster.

Thank you 

04:09 PM | 11-01-2021

Thank you so much for your advice..will surely Dona's suggested.

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12:00 PM | 03-12-2020

हेलो,
कारण - यूरेथ्रल स्ट्रिक्टुरे (Urethral Stricture) एक बीमारी है जब मूत्रमार्ग की संकीर्णता के कारण मूत्र का प्रवाह बाधित होता है।
मूत्रमार्ग का संक्रमण होने का मुख्य कारण शरीर में बढ़ा हुआ अम्ल है। जैसेे ही अम्ल की अधिकता को कम करेंगे यह समस्या नियंत्रित हो जाएगा। प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति के अनुसार जीवन शैली को परिवर्तन कर पूर्ण स्वास्थ्य लााभ ले सकते हैं।
 समाधान - विशेषकर banana stem का जूस और गहरे हरे रंग के पत्तों का जूस बहुत ही फायदेमंद है 25 से 30 ग्राम पालक के पत्ते या धनिया के पत्ते या पुदीना के पत्तों को पीसकर उसमें 200 ml पानी मिलाएं। खाली पेट इसको पिए यह काफी लाभकारी है इसके जगह पर दूब घास, बेलपत्र, का जूस भी बहुत लाभकारी है

सूरज की रोशनी में सर और आंख को ढककर 20 मिनट के लिए लेटे पांच 5 मिनट आगे पीछे दाएं बाएं धूप की रोशनी लें। यह प्रक्रिया इस रोग में काफी लाभकारी साबित होगा।

मानसिक और शारीरिक क्रियाओं में संतुलन लाए। दौड़ना,  बैडमिंटन खेलना, योगासन करना,  प्राणायाम करना बहुत ही फायदेमंद है। प्रतिदिन आधे घंटे के लिए इन क्रियाओं में संलग्न हो।

खाना खाने से एक घंटे पहले नाभि के ऊपर गीला सूती कपड़ा लपेट कर रखें या खाना के 2 घंटे बाद भी ऐसा कर सकते हैं।

मेरुदंड स्नान के लिए अगर टब ना हो तो एक मोटा तौलिया गीला कर लें बिना निचोरे उसको बिछा लें और अपने मेरुदंड को उस स्थान पर रखें।

मेरुदंड (स्पाइन) सीधा करके बैठें। हमेशा इस बात ध्यान रखें और हफ़्ते में 3 दिन मेरुदंड का स्नान करें। 

जीवन शैली - जीवन शैली-  1आकाश तत्व - एक खाने से दुसरे खाने के बीच में अंतराल (gap) रखें।

फल के बाद 3 घंटे, सलाद के बाद 5 घंटे, और पके हुए खाने के बाद 12 घंटे का (gap) रखें।

2.वायु तत्व - प्राणायाम करें, आसन करें। दौड़ लगाएँ।

3.अग्नि - सूर्य की रोशनी लें।

4.जल - अलग अलग तरीक़े का स्नान करें। मेरुदंड स्नान, हिप बाथ, गीले कपड़े की पट्टी से पेट की गले और सर की 20 मिनट के लिए सेक लगाए। 

स्पर्श थरेपी करें। मालिश के ज़रिए भी कर सकते है।

कपूर मिश्रित नारियल तेल से शरीर के उस हिस्से की मालिश करें जहां पर समस्या है।  घड़ी की सीधी दिशा (clockwise) में और घड़ी की उलटी दिशा (anti clockwise)में मालिश करें। नरम हाथों से बिल्कुल भी प्रेशर नहीं दें।

5.पृथ्वी - सुबह खीरा 1/2 भाग धनिया पत्ती (10 ग्राम) पीस लें, 100 ml पानी मिला कर पीएँ। यह juice आप कई प्रकार के ले सकते हैं। पेठे (ashguard ) का जूस लें और कुछ नहीं लेना है। नारियल पानी भी ले सकते हैं। पालक  पत्ते धो कर पीस कर 100ml पानी डाल पीएँ। दुब घास 25 ग्राम पीस कर छान कर 100 ml पानी में मिला कर पीएँ। कच्चे सब्ज़ी का जूस आपका मुख्य भोजन है। 2 घंटे बाद फल नाश्ते में लेना है।

फल को चबा कर खाएँ। इसका juice ना लें। फल सूखे फल नाश्ते में लें।

दोपहर के खाने में सलाद नट्स और अंकुरित अनाज के साथ  सलाद में हरे पत्तेदार सब्ज़ी को डालें और नारियल पीस कर मिलाएँ। कच्चा पपीता 50 ग्राम कद्दूकस करके डालें। कभी सीताफल ( yellow pumpkin)50 ग्राम ऐसे ही डालें। कभी सफ़ेद पेठा (ashgurd) 30 ग्राम कद्दूकस करके डालें। ऐसे ही ज़ूकीनी 50 ग्राम डालें।कद्दूकस करके डालें।कभी काजू बादाम अखरोट मूँगफली भिगोए हुए पीस कर मिलाएँ। 

लाल, हरा, पीला शिमला मिर्च 1/4 हिस्सा हर एक का मिलाएँ। लें। बिना नींबू और नमक के लें। स्वाद के लिए नारियल और herbs मिलाएँ।

रात के खाने में इस अनुपात से खाना खाएँ 2 कटोरी सब्ज़ी के साथ 1कटोरी चावल या 1रोटी लेएक बार पका हुआ खाना रात को 7 बजे से पहले लें।

6.सेंधा नमक केवल एक बार पके हुए खाने में लें।अपने खाने में सेंधा  नमक दिन में एक बार केवल पके हुए खाने में लें। क्योंकि नमक शरीर के मिनरल  को सोख लेती है। जानवरों से उपलब्ध होने वाले भोजन वर्जित हैं।

तेल, मसाला, और गेहूँ से परहेज़ करेंगे तो अच्छा होगा। चीनी के जगह गुड़ लें।

7.एक नियम हमेशा याद रखें ठोस(solid) खाने को चबा कर तरल (liquid) बना कर खाएँ। तरल  को मुँह में घूँट घूँट पीएँ। खाना ज़मीन पर बैठ कर खाएँ। खाते वक़्त ना तो बात करें और ना ही TV और mobile को देखें।ठोस  भोजन के तुरंत बाद या बीच बीच में जूस या पानी ना लें। भोजन हो जाने के एक घंटे बाद तरल पदार्थ ले सकते हैं।

हफ़्ते में एक दिन उपवास करें। शाम तक केवल पानी लें, प्यास लगे तो ही पीएँ। शाम 5 बजे नारियल पानी और रात 8 बजे सलाद लें।

8.उपवास के अगले दिन किसी प्राकृतिक चिकित्सक के देख रेख में टोना लें। जिससे आँत की प्रदाह को शांत किया जा सके। एनिमा किट मँगा लें। यह किट ऑनलाइन मिल जाएगा। इससे 200ml पानी गुदाद्वार से अंदर डालें और प्रेशर आने पर मल त्याग करें। ऐसा दिन में दो बार करना है अगले 21 दिनों के लिए। ये करना है ताकि शरीर में मोजुद विषाणु निष्कासित हो जाये। इसके बाद हफ़्ते में केवल एक बार लेना है उपवास के अगले दिन। टोना का फ़ायदा तभी होगा जब आहार शुद्धि करेंगे।

धन्यवाद।

रूबी, 

प्राकृतिक जीवनशैली प्रशिक्षिका व मार्गदर्शिका (Nature Cure Guide & Educator

04:14 PM | 11-01-2021

Thank you so much . Mein aap ke batayi gayi baton ka amal karungi.

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