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Q&A
01:55 PM | 07-12-2020

What is a low protein diet for ovarian cancer?

The answers posted here are for educational purposes only. They cannot be considered as replacement for a medical 'advice’ or ‘prescription’. ...The question asked by users depict their general situation, illness, or symptoms, but do not contain enough facts to depict their complete medical background. Accordingly, the answers provide general guidance only. They are not to be interpreted as diagnosis of health issues or specific treatment recommendations. Any specific changes by users, in medication, food & lifestyle, must be done through a real-life personal consultation with a licensed health practitioner. The views expressed by the users here are their personal views and Wellcure claims no responsibility for them.

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2 Answers

11:11 AM | 12-01-2021

Hello,

Low protein diet means having proteins which can be easily digested by the body. Green leafy vegetables, sprouts, nuts, salads are all the natural sources for easily absorbable proteins. Dairy products and animal products are proteins which are not easily digestible by the body.

Diet to follow- 

  • Consume almond milk.
  • Eat peanut butter. 
  • Soak raisins overnight and have it in the morning. 
  • Eat dry fruits.
  • Have green leafy vegetables like spinach, cauliflower, etc in your diet.
  • Have sprouts, nuts,beans, fresh fruits and vegetables in your meals. 

Also, do some physical activity like yoga or any other exercise to keep your metabolism active, so that , the proteins and other nutrients get absorbed and the digestive system remains healthy. 

Things to avoid

  • Avoid dairy products and animal foods as they are not easily digestible and may disturb your digestive system. 
  • Avoid processed foods, packaged foods, and all the junk foods.

Physical activity 

It is very essential to be physically active for a good metabolism. So, do exercise or yoga and pranayam regularly. 

  • Practice suryanamaskar daily. 
  • Do bhujanga asana, trikona asana, gomukha asana and padahasta asana regularly. 
  • Practice pranayam regularly for 15-20min. 
  • Take sunrays in the morning for atleast 20min. 

Sleep

Sleeping properly is also important for a healthy body and mind. For getting a good quality sleep, avoid using electronic devices 1hour before sleeping, sleep in a dark room, the room should be quiet and clean. Read some book before sleeping.

Thank you 



11:19 AM | 09-12-2020

हेलो,
कारण - लो प्रोटीन डायट का मतलब है ऐसा प्रोटीन जो कि आपकेेे शरीर में से हजम हो जाए। ऐसा प्रोटीन नहीं लेना चाहिए जो कि लंबेेेे समय तक शरीर में हजम नहीं होता है। हरी पत्तेदार सब्जियोंं का प्रोटीन जल्दी शरीर मेंं हजम होता है। दाल और एनिमल प्रोडक्ट का प्रोटीन जल्दी हजम नहीं होता है इसलिए इसको कंज्यूम नहीं करना चाहिए।

कैंसर को सबसे सुरक्षित बीमारी प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति में माना गया है क्योंकि यह कई तरीके के विकारों को किसी एक जगह पर एकत्रित कर कर कैद कर लेता है और बाकी शरीर में फैलने नहीं देता है अगर हम किसी भी प्रकार का छेड़छाड़ ना करें इलाज के लिए हम बायोप्सी या किसी तरीके का टेस्ट या रेडिएशन करते हैं तो यह हम कैंसर के साथ छेड़छाड़ करते हैं इससे कैंसर आक्रमक हो जाता है पूरे शरीर में फैल जाता है और यह शरीर को self-healing करने से रोकता है।
यह लंबे समय तक खराब हाजमा होनेे  के कारण होता है। 

किसी भी प्राकृतिक चिकित्सक की देखरेख में आप नॉन क्राइसिस हीलिंग डाइट प्लान को फॉलो करें non-heeling डाइट प्लान क्या होता है इसके बारे में समझने की आवश्यकता है इसमें हम 3 हफ्ते 3 तरीके के रिदम को फॉलो करते हैं।

समाधान (to be followed under supervision) -

Day 1. लिक्विड सॉलि़ड लिक्विड फास्ट - यानी कि 1 दिन पूरा दिन लिक्विड पर रहना है। कच्चे सब्ज़ी का जूस आपका मुख्य भोजन है।  सुबह ख़ाली पेट इनमे से कोई भी हरा जूस लें।पेठे (ash guard ) का जूस लें और  नारियल पानी भी ले सकते हैं। बेल का पत्ता 8 से 10 पीस कर 100 ml पानी में मिला कर छान कर पीएँ। खीरा 1/2 भाग धनिया पत्ती (10 ग्राम) पीस लें, 100 ml पानी में मिला कर पीएँ। दुब घास 25 ग्राम पीस कर छान कर 100 ml पानी में मिला कर पीएँ। 

Day 2.  सॉलिड यानी कि पहला हर्बल जूस से स्टार्ट करेंगे। फिर 2 घंटे बाद फल खाएंगे फिर दोपहर में सलाद खाएंगे। रात को फिर से कच्ची सब्जियों का सलाद खाएंगे। सलाद में नमक नींबू का प्रयोग नहीं करेंगे। 2 घंटे बाद कोई एक तरीके का फल लें। दोपहर के खाने में सलाद नट्स और अंकुरित अनाज के साथ  सलाद में हरे पत्तेदार सब्ज़ी को डालें और नारियल पीस कर मिलाएँ। कच्चा पपीता 50 ग्राम कद्दूकस करके डालें। कभी सीताफल ( yellow pumpkin)50 ग्राम ऐसे ही डालें। कभी सफ़ेद पेठा (ash guard) 30 ग्राम कद्दूकस करके डालें। ऐसे ही ज़ूकीनी 50 ग्राम डालें।कद्दूकस करके डालें।कभी काजू बादाम अखरोट मूँगफली भिगोए हुए पीस कर मिलाएँ। लाल, हरा, पीला शिमला मिर्च 1/4 हिस्सा हर एक का मिलाएँ। लें। बिना नींबू और नमक के लें। स्वाद के लिए नारियल और herbs मिलाएँ। यह सलाद रात को 7 बजे से पहले डिनर में भी लें। सब्जी,  नट्स बदल लेंगे तो सलाद के स्वाद में बदलाव आ जाएगा।

Day 3. लिक्विड डाइट पर रहेंगे यानी सुबह हर्बल जूस लेंगे। फल के जगह पर हर्बल जूस लेंगे। दोपहर में खाना कि देगा पर हर्बल जूस लेंगे। शाम को डिनर के जगह पर हर्बल जूस लेंगे।

Day 4.  फास्टिंग रखना है, सुबह से लेकर शाम  4:00 बजे तक पानी भी ना लें। नारियल पानी से उपवास को तोड़े।

 2 घंटा बाद  कच्ची सब्जियों का सलाद बगैर नमक और नींबू की खाना है।

Day 5. लिक्विड पर रहेंगे।

Day 6. लिक्विड पर रहेंगे।

Day 7. सॉलिड पर रहेंगे।

जीवन शैली - शरीर पाँच तत्व से बना हुआ है प्रकृति की ही तरह।

आकाश, वायु, अग्नि, जल, पृथ्वी ये पाँच तत्व आपके शरीर में रोज़ खुराक की तरह जाना चाहिए।

पृथ्वी और शरीर का बनावट एक जैसा 70% पानी से भरा हुआ। पानी जो कि फल, सब्ज़ी से मिलता है।

1 आकाश तत्व- एक खाने से दूसरे खाने के बीच में विराम दें। रोज़ाना 15 घंटे का उपवास करें जैसे रात का भोजन 7 बजे तक कर लिया और सुबह का नाश्ता 9 बजे लें।

2 वायु तत्व- लंबा गहरा स्वाँस अंदर भरें और रुकें फिर पूरे तरीक़े से स्वाँस को ख़ाली करें रुकें फिर स्वाँस अंदर भरें ये एक चक्र हुआ। ऐसे 10 चक्र एक टाइम पर करना है। ये दिन में चार बार करें।I

दौड़ लगाएँ। 

3 अग्नि तत्व- सूरर्य उदय के एक घंटे बाद या सूर्य अस्त के एक घंटे पहले का धूप शरीर को ज़रूर लगाएँ। सर और आँख को किसी सूती कपड़े से ढक कर। जब भी लेंटे अपना दायाँ भाग ऊपर करके लेटें ताकि आपकी सूर्य नाड़ी सक्रिय रहे।

4 जल तत्व- खाना खाने से एक घंटे पहले नाभि के ऊपर गीला सूती कपड़ा लपेट कर रखें और खाना के 2 घंटे बाद भी ऐसा करना है।

नीम के पत्ते का पेस्ट अपने नाभि पर रखें। 20मिनट तक रख कर साफ़ कर लें।

मेरुदंड स्नान के लिए अगर टब ना हो तो एक मोटा तौलिया गीला कर लें बिना निचोरे उसको बिछा लें और अपने मेरुदंड को उस स्थान पर रखें।

खाना खाने से एक घंटे पहले नाभि के ऊपर गीला सूती कपड़ा लपेट कर रखें या खाना के 2 घंटे बाद भी ऐसा कर सकते हैं।

मेरुदंड (स्पाइन) सीधा करके बैठें। हमेशा इस बात ध्यान रखें और हफ़्ते में 3 दिन मेरुदंड का स्नान करें।

पेट पर खीरा का पेस्ट 20 मिनट लगाएँ। फिर साफ़ कर लें। पैरों को 20 मिनट के लिए सादे पानी से भरे किसी बाल्टी या टब में डूबो कर रखें।

5. अगले 21 दिनों के लिए किसी प्राकृतिक चिकित्सक के देख रेख में   9 set टोना लें। जिससे आँत की प्रदाह को शांत किया जा सके। एनिमा किट मँगा लें। यह किट ऑनलाइन मिल जाएगा। इससे 200 ml पानी गुदाद्वार से अंदर डालें और प्रेशर आने पर मल त्याग करें। ऐसा दिन में दो बार करना है अगले 21 दिनों के लिए। ये करना है ताकि शरीर में मोजुद विषाणु निष्कासित हो जाये। इसके बाद हफ़्ते में केवल एक बार लेना है उपवास के अगले दिन लेना है। टोना का फ़ायदा तभी होगा जब आहार शुद्धि करेंगे।

धन्यवाद।

रूबी, 

प्राकृतिक जीवनशैली प्रशिक्षिका व मार्गदर्शिका (Nature Cure Guide & Educator}


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