Loading...

Q&A
03:43 PM | 26-10-2019

My heart rate is 117 and doctor told me is that is sinus tachycardia but i do have little high thyroid and i heard that thyroid increases heart rate and my pulse is normal. So please tell me is it any heart problem or it is due to thyroid?


The answers posted here are for educational purposes only. They cannot be considered as replacement for a medical 'advice’ or ‘prescription’. ...The question asked by users depict their general situation, illness, or symptoms, but do not contain enough facts to depict their complete medical background. Accordingly, the answers provide general guidance only. They are not to be interpreted as diagnosis of health issues or specific treatment recommendations. Any specific changes by users, in medication, food & lifestyle, must be done through a real-life personal consultation with a licensed health practitioner. The views expressed by the users here are their personal views and Wellcure claims no responsibility for them.

Read more
Post as Anonymous User
2 Answers

12:28 PM | 28-10-2019

नमस्ते,

 सामान्यतया 60 से 100 बिट्स / मिनट सामान्य हार्ट रेट होता है ,117 बिट्स / मिनट साइनस ट्रैकिकार्डिया का द्योतक है  यह अधिकतर थायराइड की अवस्था एवं अधिक मात्रा में चॉकलेट के सेवन, तेजी से दौड़कर आने की अवस्था में होता है, इससे हृदय को किसी प्रकार भी का खतरा होने की संभावना नहीं रहती है ।

  • नींद -रात्रि में 7 से 8 घंटे की नींद अवश्य लें, इससे शरीर से दूषित पदार्थ बाहर निकलते हैं, कोशिकाओं की टूट-फूट की मरम्मत होती है।
  • प्रतिदिन गुनगुने पानी, नींबू एवं शहद का सेवन प्रातः काल करें इससे आंतों की दीवारें फैलती हैं ,शरीर से दूषित पदार्थ बाहर निकलते हैं।
  • जूस- प्रतिदिन अनार, एलोवेरा या लौकी के जूस का सेवन करें ।
  • भोजन 80% मौसमी फल एवं हरी पत्तेदार सब्जियों को खूब चबा चबाकर सेवन करें, इससे शरीर में अम्ल एवं क्षार का संतुलन बना रहता है ,शरीर के सभी अंग सुचारू रूप से अपना कार्य करते हैं।
  •  मिट्टी के घड़े में रखे हुए जल को प्यास लगने पर बैठकर धीरे-धीरे सेवन करें, इससे शरीर को पर्याप्त मात्रा में जल की आपूर्ति होती रहती है ।
  • उपवास -सप्ताह में 1 दिन उपवास रहें, इससे शरीर से दूषित पदार्थ बाहर निकलते हैं पाचन अंगों को आराम मिलता है।
  • प्रसन्न चित्त रहें, खुलकर हंसे, सकारात्मक सोचें। 
  • प्रतिदिन 2 चम्मच शहद का सेवन करें ।
  • अनुलोम-विलोम एवं भ्रामरी प्राणायाम का अभ्यास अनुभवी योग एवं नेचुरोपैथी फिजीशियन के निर्देशन में करें ,इससे शरीर को पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन की आपूर्ति होती है, मन शांत होता है।
  •  ध्यान- प्रतिदिन कम से कम 30 मिनट ध्यान करें।
  • प्रतिदिन कम से कम 2 घंटे मौन रहें।
  • निषेध- जानवरों से प्राप्त भोज्य पदार्थ ,ठंडे पेय पदार्थ, चाय, काफी, नशीली वस्तुएं ,रात्रि जागरण, सोने से 2 घंटे पहले मोबाइल, टेलीविजन, कंप्यूटर का प्रयोग, क्रोध, ईर्ष्या ,चिंता ,तनाव।


12:26 PM | 28-10-2019

हेलो,

कारण - पाचन तंत्र अस्वस्थ हो तो कोई भी बीमारी हो सकती है। जैसे दिल या गुर्दे या फिर शुगर बीमारी केवल प्रतिक्रिया मात्र है।

मुलकारण तो अस्वस्थ पाचन तंत्र है। जिसका स्वास्थ निद्रा, दोषपूर्ण आहार, तनाव, और ग़लत जीवनशैली से बिगड़ जाता है। पाचन तंत्र के स्वास्थ बिगड़ने पर शरीर में मौजूद संक्रमित जीवाणु (toxin) हार्मोन के संतुलन में दोष पैदा करते है। शरीर के में हार्मोन के संतुलन के बिगड़ने से शरीर का चया पचय (metabolism) का संतुलन बिगड़ जाता है।

अधिक मात्रा में आयोडीन का सेवन करते हैं तो भी ये समस्या पैदा हो सकती है।

ये एक तरह की autoimmune condition होती है जिसमे हमारे शरीर का इम्यून सिस्टम एक antibody create करता है जिसे कारण थायराइड ग्लैंड अधिक मात्र में थायराइड hormone release करने लगता है।

समाधान - शारीरिक और मानसिक क्रिया में संतुलन बनाए। उज्जायी प्राणायाम करें, भ्रामरी प्राणायाम करें। दौड़ लगाएँ। सुप्त मत्स्येन्द्रासन, धनुरासन

पश्चिमोत्तानासन, अर्धमत्स्येन्द्रासन, शवासन करें।

10% कच्चे हरे पत्ते और सब्ज़ी का जूस बिना नमक निम्बू के लेना है।30% कच्चे सब्ज़ी का सलाद बिना नमक निम्बू के लेना है।10% ताज़ा नारियल सलाद में मिला कर लेना है। 20% फल को लें। पके हुए खाने को केवल एक बार खाएँ नमक भी केवल एक बार पके हुए खाने लें। पके हुए खाने में सब्ज़ी भाँप में पके हों और तेल घी रहित होना चाहिए सब्ज़ी की मात्रा 20% और millet या अनाज की मात्रा 10% हो।  वर्षों से जमी टॉक्सिन को निकालना ज़रूरी है। किसी प्राकृतिक चिकित्सक के देख रेख में पहली बार लें। एनिमा किट मँगा लें । यह किट ऑनलाइन मिल जाएगा। इससे 100ml पानी गुदाद्वार से अंदर डालें और प्रेशर आने पर मल त्याग करें। ऐसा दिन में एक बार करना है अगले 21 दिनों के लिए। ये करना है ताकि शरीर में उपस्थित विषाणु निष्कासित हो जाये।ओ

शरीर पाँच तत्व से बना हुआ है प्रकृति की ही तरह।

आकाश, वायु, अग्नि, जल, पृथ्वी ये पाँच तत्व आपके शरीर में रोज़ खुराक की तरह जाना चाहिए।

पृथ्वी और शरीर का बनावट एक जैसा 70% पानी से भरा हुआ। पानी जो कि फल, सब्ज़ी से मिलता है।

आपका मुख्य आहार ये हुआ तो बहुत अच्छा हो जाएगा।

1 आकाश तत्व- एक खाने से दूसरे खाने के बीच में विराम दें। रोज़ाना 15 घंटे का उपवास करें जैसे रात का भोजन 7 बजे तक कर लिया और सुबह का नाश्ता 9 बजे लें।

2 वायु तत्व- लंबा गहरा स्वाँस अंदर भरें और रुकें। इसके बाद फिर पूरे तरीक़े से स्वाँस को ख़ाली करें, रुकें, फिर स्वाँस अंदर भरें। ये एक चक्र हुआ। ऐसे 10 चक्र एक समय पर करना है। ये दिन में चार बार करें। खुली हवा में बैठें या टहलें।

3 अग्नि तत्व- सूर्य उदय के एक घंटे बाद या सूर्य अस्त के एक घंटे पहले का धूप शरीर को ज़रूर लगाएँ। सर और आँख को किसी सूती कपड़े से ढक कर। जब भी लेंटे अपना दायाँ भाग ऊपर करके लेटें ताकि आपकी सूर्य नाड़ी सक्रिय रहे।

4 जल तत्व- खाना खाने से एक घंटे पहले नाभि के ऊपर गीला सूती कपड़ा लपेट कर रखें या खाना के 2 घंटे बाद भी ऐसा कर सकते हैं।

नीम के पत्ते का पेस्ट अपने नाभि पर रखें। 20मिनट तक रख कर साफ़ कर लें। मेरुदंड स्नान के लिए अगर टब ना हो तो एक मोटा तौलिया गीला कर लें बिना निचोरे उसको बिछा लें और अपने मेरुदंड को उस स्थान पर रखें।

मेरुदंड (स्पाइन) सीधा करके बैठें। हमेशा इस बात ध्यान रखें और हफ़्ते में 3 दिन मेरुदंड का स्नान करें। 

5 पृथ्वी- सब्ज़ी, सलाद, फल, मेवे, आपका मुख्य आहार होगा। आप सुबह खीरे का जूस लें, खीरा 1/2 भाग + धनिया पत्ती (10 ग्राम) पीस लें, 100 ml पानी मिला कर पीएँ। यह juice आप कई प्रकार के ले सकते हैं। पेठे (ashguard ) का जूस लें और कुछ नहीं लेना है। नारियल पानी भी ले सकते हैं। बेल का पत्ता 8 से 10 पीस कर I100ml पानी में मिला कर पीएँ। खीरा 1/2 भाग + धनिया पत्ती (10 ग्राम) पीस लें, 100 ml पानी में मिला कर पीएँ। बेल पत्ता 8 से 10 पीस कर 100 ml पानी में मिला कर लें। दुब घास 25 ग्राम पीस कर छान कर 100 ml पानी में मिला कर पीएँ। हीकच्चे सब्ज़ी का जूस आपका मुख्य भोजन है। जो की आपको ज़बर्दस्त फ़ायदा करेगा। 2 घंटे बाद फल नाश्ते में लेना है। फल को चबा कर खाएँ। इसका juice ना लें।

दोपहर में 12 बजे फिर से कच्चे सब्ज़ी जूस को लें। इसके एक घंटे बाद खाना खाएँ।शाम को 5 बजे सफ़ेद पेठे (ashguard) 20 ग्राम पीस कर 100 ml पानी मिला। 2 घंटे तक कुछ ना लें। रात के सलाद में हरे पत्तेदार सब्ज़ी को डाले। ताज़ा नारियल मिलाएँ। रात का खाना 8 बजे खाएँ। 

लाल, हरा, पीला शिमला मिर्च 1/4 हिस्सा हर एक का मिलाएँ। इसे बिना नमक के खाएँ, बहुत फ़ायदा होगा। पृथ्वी तत्व को शरीर में डालने का एक नियम हमेशा याद रखें ठोस (solid) खाने को चबा कर तरल (liquid) बना कर खाएँ। तरल (liquid) को मुँह में घूँट घूँट पीएँ। खाना ज़मीन पर बैठ कर खाएँ। खाते वक़्त ना तो बात करें और ना ही TV और mobile को देखें। ठोस (solid) भोजन के तुरंत बाद या बीच बीच में जूस या पानी ना लें। भोजन हो जाने के एक घंटे बाद तरल पदार्थ (liquid) ले सकते हैं। ऐसा करने से हाज़मा कभी ख़राब नहीं होगा। जानवरों से उपलब्ध होने वाले भोजन छोड़ने से ज़्यादा लाभ होगा।

तेल, मसाला, और गेहूँ से परहेज़ करेंगे तो अच्छा होगा। 

धन्यवाद।

रूबी, 

प्राकृतिक जीवनशैली प्रशिक्षिका व मार्गदर्शिका (Nature Cure Guide & Educator)

 


Scan QR code to download Wellcure App
Wellcure
'Come-In-Unity' Plan