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Q&A
10:06 AM | 22-11-2019

I have a cervical headache. How to cure it?


The answers posted here are for educational purposes only. They cannot be considered as replacement for a medical 'advice’ or ‘prescription’. ...The question asked by users depict their general situation, illness, or symptoms, but do not contain enough facts to depict their complete medical background. Accordingly, the answers provide general guidance only. They are not to be interpreted as diagnosis of health issues or specific treatment recommendations. Any specific changes by users, in medication, food & lifestyle, must be done through a real-life personal consultation with a licensed health practitioner. The views expressed by the users here are their personal views and Wellcure claims no responsibility for them.

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3 Answers

09:55 AM | 25-11-2019

Cervical headaches are also called as Cervicogenic headaches which could mimic the migraine and also it is very difficult to distinguish between the migraine and cervical headaches. The primary difference is that a migraine would be rooted somewhere in the brain while Cervicogenic headache is rooted on the cervical spine or base of the skull region. Cervicogenic headaches may be caused by muscles, nerves or bones.

Symptoms of Cervicogenic headaches include stiffness of neck, pain on the face or head, pain around the eyes, pain while coughing or sneezing or even sometimes during turning your head in some directions or positions

Natural ways of management

  1. Massage Therapy – Massage therapy under a trained masseur under the supervision of a registered naturopath could be helpful. Spinal manipulative techniques are good in this condition. Caution is that these manipulative techniques again should be given by a well trained Chiropractor or therapist under the supervision.
  2. Physiotherapy – Stretching exercises given though exercise therapy could be efficient to manage this condition
  3. Yoga therapy – Some yoga special exercises those useful to relieve neck stiffness or neck loosening exercises could be useful.. Brahmari pranayama could be useful to relieve headache. Vibrations created by the humming sound created by the pranayama is useful to relieve headache. Some kriyas also might be useful in this condition.
  4. Diet - You may avoid too spicy, oily diet and maintaining regular food timings maybe followed.


06:49 PM | 22-11-2019

हेलो,

कारण - डिस्क क्षरण (cervical) के कारण सिर दर्द होना स्वभविक है। सबसे आम तनाव (टेंशन) के कारण होने वाला सिरदर्द है। तनाव सम्बन्धित सिरदर्द आपके कंधों, गर्दन, खोपड़ी और जबड़े की मांसपेशियों के कसने (तंग होने) के कारण होते हैं। ये सिरदर्द अक्सर तनाव, अवसाद या चिंता से सम्बन्धित होते हैं। बहुत ज्यादा काम करने, पर्याप्त नींद न लेने, और दोष पूर्ण आहार के कारण हो सकता है।

समाधान- खाना खाने से एक घंटे पहले नाभि के ऊपर गीला सूती कपड़ा लपेट कर रखें या खाना के 2 घंटे बाद भी ऐसा कर सकते हैं।

मेरुदंड (स्पाइन) सीधा करके बैठें। हमेशा इस बात ध्यान रखें और हफ़्ते में 3 दिन मेरुदंड का स्नान करें। मेरुदंड स्नान के लिए अगर टब ना हो तो एक मोटा तौलिया गीला कर लें बिना निचोरे उसको बिछा लें और अपने मेरुदंड को उस स्थान पर रखें। 

सर पर सूती कपड़ा बाँध कर उसके ऊपर खीरा और मेहंदी या करी पत्ते का पेस्ट लगाएँ,नाभि पर खीरा का पेस्ट लगाएँ।पैरों को 20 मिनट के लिए सादे पानी से भरे किसी बाल्टी या टब में डूबो कर रखें।

कच्चे कर छान कर 100 ml पानी में मिला कर पीएँ।

 जीवन शैली - 1. आकाश तत्व - एक खाने से दुसरे खाने के बीच में अंतराल (gap) रखें।

फल के बाद 3 घंटे, सलाद के बाद 5 घंटे, और पके हुए खाने के बाद 12 घंटे का (gap) रखें।

2. वायु तत्व - प्राणायाम करें, आसन करें। दौड़ लगाएँ।

3. अग्नि - सूर्य की रोशनी लें।

4. जल - अलग अलग तरीक़े का स्नान करें। मेरुदंड स्नान, हिप बाथ, गीले कपड़े की पट्टी से पेट की गले और सर की 20 मिनट के लिए सेक लगाए। 

स्पर्श थरेपी करें। मालिश के ज़रिए भी कर सकते है। नारियल तेल से

घड़ी की सीधी दिशा (clockwise) में और घड़ी की उलटी दिशा (anti clockwise)में मालिश करें। नरम हाथों से बिल्कुल भी प्रेशर नहीं दें।

5. पृथ्वी - सुबह खीरा 1/2 भाग + धनिया पत्ती (10 ग्राम) पीस लें, 100 ml पानी मिला कर पीएँ। यह juice आप कई प्रकार के ले सकते हैं। पेठे (ash guard ) का जूस लें और कुछ नहीं लेना है। नारियल पानी भी ले सकते हैं। बेल का पत्ता 8 से 10 पीस कर I100ml पानी में मिला कर पीएँ।  दुब घास 25 ग्राम पीस कर छान कर 100 ml पानी में मिला कर पीएँ। कच्चे सब्ज़ी का जूस आपका मुख्य भोजन है। 2 घंटे बाद फल नाश्ते में लेना है। फल को चबा कर खाएँ। इसका juice ना लें। फल + सूखे फल नाश्ते में लें।

दोपहर के खाने में सलाद + नट्स और अंकुरित अनाज के साथ  सलाद में हरे पत्तेदार सब्ज़ी को डालें और नारियल पीस कर मिलाएँ। कच्चा पपीता 50 ग्राम कद्दूकस करके डालें। कभी सीताफल ( yellow pumpkin)50 ग्राम ऐसे ही डालें। कभी सफ़ेद पेठा (ash guard) 30 ग्राम कद्दूकस करके डालें। ऐसे ही ज़ूकीनी 50 ग्राम डालें।कद्दूकस करके डालें।कभी काजू बादाम अखरोट मूँगफली भिगोए हुए पीस कर मिलाएँ। 

लाल, हरा, पीला शिमला मिर्च 1/4 हिस्सा हर एक का मिलाएँ। लें। बिना नींबू और नमक के लें। स्वाद के लिए नारियल और herbs मिलाएँ।

रात के खाने में इस अनुपात से खाना खाएँ 2 कटोरी सब्ज़ी के साथ 1कटोरी चावल या 1रोटी लेएक बार पका हुआ खाना रात को 7 बजे से पहले लें।

सेंधा नमक केवल एक बार पके हुए खाने में लें। जानवरों से उपलब्ध होने वाले भोजन वर्जित हैं।

तेल, मसाला, और गेहूँ से परहेज़ करेंगे तो अच्छा होगा। चीनी के जगह गुड़ लें।

6. एक नियम हमेशा याद रखें ठोस(solid) खाने को चबा कर तरल (liquid) बना कर खाएँ। तरल  को मुँह में घूँट घूँट पीएँ। खाना ज़मीन पर बैठ कर खाएँ। खाते वक़्त ना तो बात करें और ना ही TV और mobile को देखें।ठोस  भोजन के तुरंत बाद या बीच बीच में जूस या पानी ना लें। भोजन हो जाने के एक घंटे बाद तरल पदार्थ  ले सकते हैं।

हफ़्ते में एक दिन उपवास करें। शाम तक केवल पानी लें, प्यास लगे तो ही पीएँ। शाम 5 बजे नारियल पानी और रात 8 बजे सलाद लें।

7. उपवास के अगले दिन किसी प्राकृतिक चिकित्सक के देख रेख में टोना लें। जिससे आँत की प्रदाह को शांत किया जा सके। एनिमा किट मँगा लें। यह किट ऑनलाइन मिल जाएगा। इससे 200ml पानी गुदाद्वार से अंदर डालें और प्रेशर आने पर मल त्याग करें। ऐसा दिन में दो बार करना है अगले 21 दिनों के लिए। ये करना है ताकि शरीर में मोजुद विषाणु निष्कासित हो जाये। इसके बाद हफ़्ते में केवल एक बार लेना है उपवास के अगले दिन। टोना का फ़ायदा तभी होगा जब आहार शुद्धि करेंगे।

धन्यवाद।

रूबी, 

प्राकृतिक जीवनशैली प्रशिक्षिका व मार्गदर्शिका (Nature Cure Guide & Educator)



05:47 PM | 22-11-2019

नमस्ते,
सर्वाइकल डिजेनरेटिव डिस्क रोग का कारण गर्दन की डी-जेनरेशन वाली नसों पर दबाव पड़ना है, ये दबाव आमतौर पर ज्यादा काम करने, भारी बोझ उठाने, हड्डियों के कमजोर होने, लगातार काम करने, सिर झुकाकर काम करने, सिर झुकाकर लगातार पढ़ने और गर्दन पर किसी चोट के कारण हो सकता है। 

  • नींद- रात्रि में 7 से 8 घंटे की नींद अवश्य लें इससे शरीर में स्थित दूषित पदार्थ बाहर निकलते हैं कोशिएकाओं की टूट-फूट की मरम्मत होती है।
  • गुनगुने पानी नीबू एवं शहर का सेवन करें इससे आपकी दीवारें फैलती हैं दूषित पदार्थ बाहर निकलते हैं प्रतिदिन चुकंदर अनानास या नारियल पानी या गाजर के जूस का सेवन करें इससे शरीर में अम्ल एवं छार का संतुलन बना रहता है।
  •  भोजन में 50% ताजे मौसमी फल 3565 ताजे हरे पत्तेदार कच्ची सब्जियां 10% साबुत अंकुरित एवं 5% सूखे मेवे का सेवन करें हल्के एवं सुपाच्य होने की वजह से इनका पाचन अवशोषण एवं मन का निष्कासन आसानी से होता है।
  •  प्यास लगने पर मिट्टी के घड़े में रखे हुए जल को बैठकर धीरे-धीरे सेवन करें इससे शरीर में स्थित कशेरुकाओं की गलियों में नमी बरकरार रहती है।
  • सप्ताह में कम से कम एक दिन उपवास रहें, इससे शरीर में स्थित दूषित पदार्थ बाहर निकलते हैं, शरीर के समस्त अंगों को आराम मिलता है ,उनकी कार्य क्षमता बढ़ जाती है।
  • एक सूती कपड़े में सरसों, बालू एवं सेंधा नमक लेकर पोटली बना लें, तवे पर सरसों का तेल रखकर गर्म करें ,गर्मा गर्म पोटली से दर्द वाली जगह की सिकाई करें, रक्त संचार बढ़ता है, दर्द में आराम मिलता है
  • अनुभवी योग एवं नेचुरोपैथी फिजीशियन के निर्देशन में अनुलोम-विलोम एवं भ्रामरी प्राणायाम का अभ्यास करें, इससे मस्तिष्क को पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन की आपूर्ति होती है, मन शांत एवं तनावमुक्त होता है।
  • निषेध- जानवरों से प्राप्त भोज्य पदार्थ , ऊंचा तकिया,चाय, काफी, चीनी ,वसा वाले मैैेदे से बने हुए भोज्य पदार्थ, डिब्बाबंद भोज्य पदार्थ, क्रोध, ईर्ष्या, चिंता ,तनाव ,रात्रि जागरण, सोने से 2 घंटे पहले मोबाइल, टेलीविजन एवं कंप्यूटर का प्रयोग।

 

 


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