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Q&A
09:50 AM | 28-12-2019

What are the reasons behind release of more heat from the body and How can I reduce it


The answers posted here are for educational purposes only. They cannot be considered as replacement for a medical 'advice’ or ‘prescription’. ...The question asked by users depict their general situation, illness, or symptoms, but do not contain enough facts to depict their complete medical background. Accordingly, the answers provide general guidance only. They are not to be interpreted as diagnosis of health issues or specific treatment recommendations. Any specific changes by users, in medication, food & lifestyle, must be done through a real-life personal consultation with a licensed health practitioner. The views expressed by the users here are their personal views and Wellcure claims no responsibility for them.

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4 Answers

11:28 AM | 29-12-2019

Body heat is the thermal energy produced as a by-product of metabolic activities in human beings, which exhibit a close control of their body temperature in the face of environmental fluctuation. Environmental factors, lifestyle, and foods that you consume might play a vital role in altering the body the temperatures and body heat.

Excessive body heat can cause health problems and may affect performance. As the internal temperature or heat burden increases, people might feel the symptoms like l: Increased irritability. Loss of concentration and the ability to do mental tasks.

A simple formula to tackle this is to follow these simple steps

  1. Follow a bland or sattvic diet
  2. Try to have cold showers twice daily
  3. Exercises like river bathing, bathing in running streams etc might help
  4. Sleep well and reduce and manage stress
  5. Eat foods that are easily digestible, especially raw salads and fruits
  6. Avoid spicy garam masalas, oily diets or sweets in excess.
  7. Consume a lot of fleshy vegetables like cucumbers, water melons, pumpkins, ashgards, snakegards etc which contain more water in them
  8. Avoid non-vegetarian diets.
  9. Practice cooling pranayamas like nadishodhanana, seethali or sheetkari
  10. Practice meditation


03:30 PM | 30-12-2019

Hi, 

  • Body heat occurs due to our daily activities, environmental changes due to sudden change in temperature body responds and protect our body. 
  • Our metabolism also causes a rise in body temperature.   
  • Sometimes wearing tight and synthetic cloths also leads to body heat. 
  • Eating spicy and oily food also cause a rise in body heat. 
  • Improper sleep leads to stress and hormonal imbalance leads to body heat. 

To prevent and get relived from body heat:

  • Drinking more water and keep your body hydrated.
  • Avoid spicy, oily and non-vegetarian food. 
  • Avoid synthetic and tight clothes.
  • Wear cotton and natural fibre clothes as per the climate. 
  • Take more fresh fruits and. Vegetables.  Especially seasonal vegetables.
  • Taking mud bath full or partial is more beneficial. 
  • Practice Yoga and pranayama.
  • Cooling pranayamas, Like Chandra bhedhana,  sheetali and sheetkari. 
  • Taking regulations bath also helps to regulate body temperature. 

Namasthe! 
 



11:50 AM | 30-12-2019

Dear health seeker Kiran, to bring Down the excess heat you are talking about is to go for detoxification of your organism, Your body is laden with lots of toxins, encumbrances, foul and filthy matter. The simplest and most effective approach will be to fast for 3 to days. If you are not mentally prepared for fasting in that case approach to fasting in the form of drinking juices four times a day is recommended and necessary.
    Also, ensure freedom from constipation for that take a non-violent enema of 250 ml cold water under some expert advice. 
    Stopping on the way all heat generating foodstuffs the likes of tea, coffee cola, chocolate, chips  flesh, foods, junk foods and enervating habits of  visiting screens  and gadgets, A gadget fasting for few weeks will do a lot of good to you and solve your problems 
    V.S.Pawar     Member Indian institute of natural therapeutics 1980



11:29 AM | 29-12-2019

हेलो,

 

कारण - शरीर में अम्ल की अधिकता के कारण शरीर से अत्यधिक ऊष्मा उत्सर्जित हो रहा। जो भोजन देर तक पचता नहीं है उसको पचाने में अधिक ऊर्जा आंतरिक शरीर को लगाना पड़ता है। यह ऊर्जा अत्यधिक गर्मी पैदा करता है जो कि शरीर के माध्यम से निकल रहा है।  ये लक्षण ख़राब हाज़मा का परिचय देता है।

समाधान - अनुलोम विलोम, आंतरिक कुंभक और बाह्य कुंभक करें। सर्वांगआसन और सूर्य नमस्कार 5 बार करें।

खाना खाने से एक घंटे पहले नाभि के ऊपर गीला सूती कपड़ा लपेट कर रखें और खाना के 2 घंटे बाद भी ऐसा करना है।

मेरुदंड स्नान के लिए अगर टब ना हो तो एक मोटा तौलिया गीला कर लें बिना निचोरे उसको बिछा लें और अपने मेरुदंड को उस स्थान पर रखें।

मेरुदंड (स्पाइन) सीधा करके बैठें। हमेशा इस बात ध्यान रखें और हफ़्ते में 3 दिन मेरुदंड का स्नान करें। 

 जीवन शैली-  1आकाश तत्व - एक खाने से दुसरे खाने के बीच में अंतराल (gap) रखें।

फल के बाद 3 घंटे, सलाद के बाद 5 घंटे, और पके हुए खाने के बाद 12 घंटे का (gap) रखें।

2.वायु तत्व - प्राणायाम करें, आसन करें। दौड़ लगाएँ।

3.अग्नि - सूर्य की रोशनी लें।

4.जल - अलग अलग तरीक़े का स्नान करें। मेरुदंड स्नान, हिप बाथ, गीले कपड़े की पट्टी से पेट की गले और सर की 20 मिनट के लिए सेक लगाए। 

स्पर्श थरेपी करें। मालिश के ज़रिए भी कर सकते है। नारियल तेल से

घड़ी की सीधी दिशा (clockwise) में और घड़ी की उलटी दिशा (anti clockwise)में मालिश करें। नरम हाथों से बिल्कुल भी प्रेशर नहीं दें।

5.पृथ्वी - सुबह खीरा 1/2 भाग + धनिया पत्ती (10 ग्राम) पीस लें, 100 ml पानी मिला कर पीएँ। यह juice आप कई प्रकार के ले सकते हैं। पेठे (ashguard ) का जूस लें और कुछ नहीं लेना है। नारियल पानी भी ले सकते हैं। पालक  पत्ते धो कर पीस कर 100ml पानी डाल पीएँ। दुब घास 25 ग्राम पीस कर छान कर 100 ml पानी में मिला कर पीएँ। कच्चे सब्ज़ी का जूस आपका मुख्य भोजन है। 2 घंटे बाद फल नाश्ते में लेना है। 

फल को चबा कर खाएँ। इसका juice ना लें। फल + सूखे फल नाश्ते में लें।

दोपहर के खाने में सलाद + नट्स और अंकुरित अनाज के साथ  सलाद में हरे पत्तेदार सब्ज़ी को डालें और नारियल पीस कर मिलाएँ। कच्चा पपीता 50 ग्राम कद्दूकस करके डालें। कभी सीताफल ( yellow pumpkin)50 ग्राम ऐसे ही डालें। कभी सफ़ेद पेठा (ashgurd) 30 ग्राम कद्दूकस करके डालें। ऐसे ही ज़ूकीनी 50 ग्राम डालें।कद्दूकस करके डालें।कभी काजू बादाम अखरोट मूँगफली भिगोए हुए पीस कर मिलाएँ। 

लाल, हरा, पीला शिमला मिर्च 1/4 हिस्सा हर एक का मिलाएँ। लें। बिना नींबू और नमक के लें। स्वाद के लिए नारियल और herbs मिलाएँ।

रात के खाने में इस अनुपात से खाना खाएँ 2 कटोरी सब्ज़ी के साथ 1कटोरी चावल या 1रोटी लेएक बार पका हुआ खाना रात को 7 बजे से पहले लें।

6.सेंधा नमक केवल एक बार पके हुए खाने में लें। जानवरों से उपलब्ध होने वाले भोजन वर्जित हैं।

तेल, मसाला, और गेहूँ से परहेज़ करेंगे तो अच्छा होगा। चीनी के जगह गुड़ लें।

7.एक नियम हमेशा याद रखें ठोस(solid) खाने को चबा कर तरल (liquid) बना कर खाएँ। तरल  को मुँह में घूँट घूँट पीएँ। खाना ज़मीन पर बैठ कर खाएँ। खाते वक़्त ना तो बात करें और ना ही TV और mobile को देखें।ठोस  भोजन के तुरंत बाद या बीच बीच में जूस या पानी ना लें। भोजन हो जाने के एक घंटे बाद तरल पदार्थ  ले सकते हैं।

हफ़्ते में एक दिन उपवास करें। शाम तक केवल पानी लें, प्यास लगे तो ही पीएँ। शाम 5 बजे नारियल पानी और रात 8 बजे सलाद लें।

8.उपवास के अगले दिन किसी प्राकृतिक चिकित्सक के देख रेख में टोना लें। जिससे आँत की प्रदाह को शांत किया जा सके। एनिमा किट मँगा लें। यह किट ऑनलाइन मिल जाएगा। इससे 200ml पानी गुदाद्वार से अंदर डालें और प्रेशर आने पर मल त्याग करें। ऐसा दिन में दो बार करना है अगले 21 दिनों के लिए। ये करना है ताकि शरीर में मोजुद विषाणु निष्कासित हो जाये। इसके बाद हफ़्ते में केवल एक बार लेना है उपवास के अगले दिन। टोना का फ़ायदा तभी होगा जब आहार शुद्धि करेंगे।

धन्यवाद।

रूबी, 

प्राकृतिक जीवनशैली प्रशिक्षिका व मार्गदर्शिका (Nature Cure Guide & Educator)


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