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Q&A
11:35 AM | 08-04-2020

Hi! I'm 27 years, I have breast pain. My periods are late as the date is 21. Whats the cause?


The answers posted here are for educational purposes only. They cannot be considered as replacement for a medical 'advice’ or ‘prescription’. ...The question asked by users depict their general situation, illness, or symptoms, but do not contain enough facts to depict their complete medical background. Accordingly, the answers provide general guidance only. They are not to be interpreted as diagnosis of health issues or specific treatment recommendations. Any specific changes by users, in medication, food & lifestyle, must be done through a real-life personal consultation with a licensed health practitioner. The views expressed by the users here are their personal views and Wellcure claims no responsibility for them.

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2 Answers

08:33 PM | 08-04-2020

Hello Alka,

Your symptoms can be divided into two parts: 
With a delayed period and tenderness in Breast, the two main causes are Pregnancy and Pre-menstrual syndrome.

Pre-menstrual syndrome, is our hormones change during our every menstrual cycle for accurate flow sometimes due to this change in the hormonal cycle, there are certain symptoms produced in the body which are mood swings, increased hair fall, breast tenderness, etc is due to delay in menses.

If you can list out more about your condition we can help you with both common causes and give you accurate guidelines. Thank you for choosing our forum.

Hopefully, our suggestion will help. 

04:33 PM | 09-04-2020

I have PMS problem since 2 months and lack of vitamin d

Reply


04:50 PM | 08-04-2020

हेलो,
कारण - मासिक धर्म मेंं देरी का सामान्य सी बात है। मगर कई बार हर्मोन में बदलाव, तनाव, थायराइड, पीसीओएस (पॉलिस्टिक ओवरी सिंड्रोम), सही पोषक तत्व न लेना, दवाइयों के साइड इफ़ेक्ट से देरी हो जाती है। पीरियड्स के दौरान महिलाओं के एक या दोनों ब्रेस्ट में दर्द होना एक सामान्य सी बात है।

मगर असहनीय दर्द और पीरियड्स के बिना भी दर्द हो तो आप अपने जीवन शैली में मूलभूत परिवर्तन करें। शरीर के किसी भी हिस्से में दर्द का कारण शरीर में अम्ल का अधिकता है। यहां तक कि शरीर में अम्ल की अधिकता होने पर मासिक धर्म का चक्र भी बिगड़ जाता है।

पाचन तंत्र को स्वस्थ करके पूर्ण स्वास्थ्य पाया जा सकता है। प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति को अपनाकर आप पूर्ण स्वस्थ लाभ उठा सकते हैं।

समाधान- 1. पेट पर खीरा और नीम के पत्ते का पेस्ट 20 मिनट तक लगाकर छोड़ें। ब्रेस्ट में मड पैक या हीरे और नीम का पेस्ट लगाएं दर्द होने की वजह वहां पर इरिटेशन है जो की ये लगाकर ठीक किया जा सकता है। योग करें, प्रणायाम करें। 

2. हरे पत्ते का जूस आपको बहुत फायदा करेगा कोई भी हरा पत्ता दूब घास, बेलपत्र या पालक के पत्ते का जूस खाली पेट में 200 ml पिएं।

3. खाना खाने से घंटा पहले या खाना खाने के 2 घंटे बाद पेट पर गिला कपड़ा लपेटकर रखें ऐसा करने से हाजमा दुरुस्त होगा।

हफ्ते में 3 दिन पानी भरे नाभि तक वह पानी रहना चाहिए उसमें बैठे 20 मिनट बाद उसे बाहर निकले यह आपके गर्भाशय को स्वच्छ करने में मुख्य भूमिका निभाएगा। हफ्ते में 3 दिन मेरुदंड स्नान करें एक गीला तोलिया  निचोड़े योगा मैट पर बिछाए और अपनी रीढ़ की हड्डी से लेकर कंधे तक का हिस्सा यानी अपनी पूरी रीढ़ की हड्डी को गीले तौलिए पर रखें 20 मिनट बाद वहां से उठ जाए।

जीवन शैली-  1आकाश तत्व - एक खाने से दुसरे खाने के बीच में अंतराल (gap) रखें।

फल के बाद 3 घंटे, सलाद के बाद 5 घंटे, और पके हुए खाने के बाद 12 घंटे का (gap) रखें।

2.वायु तत्व - प्राणायाम करें।

3.अग्नि - सूर्य की रोशनी लें।

4.जल - अलग अलग तरीक़े का स्नान करें। मेरुदंड स्नान, हिप बाथ, गीले कपड़े की पट्टी से पेट की गले और सर की 20 मिनट के लिए सेक लगाए। 

स्पर्श थरेपी करें। मालिश के ज़रिए भी कर सकते है।

कपूर मिश्रित नारियल तेल से पेट पर घड़ी की सीधी दिशा (clockwise) में और घड़ी की उलटी दिशा (anti clockwise)में मालिश करें। नरम हाथों से बिल्कुल भी प्रेशर नहीं दें।

5.पृथ्वी - सुबह खीरा 1/2 भाग धनिया पत्ती (10 ग्राम) पीस लें, 100 ml पानी मिला कर पीएँ। यह juice आप कई प्रकार के ले सकते हैं। पेठे  (ashguord ) का जूस लें और कुछ नहीं लेना है। नारियल पानी भी ले सकते हैं। पालक  पत्ते धो कर पीस कर 100ml पानी डाल पीएँ। दुब घास 25 ग्राम पीस कर छान कर 100 ml पानी में मिला कर पीएँ। कच्चे सब्ज़ी का जूस आपका मुख्य भोजन है। 2 घंटे बाद फल नाश्ते में लेना है। फल को चबा कर खाएँ। इसका juice ना लें। फल सूखे फल नाश्ते में लें।

दोपहर के खाने में सलाद नट्स और अंकुरित अनाज के साथ  सलाद में हरे पत्तेदार सब्ज़ी को डालें और नारियल पीस कर मिलाएँ। कच्चा पपीता 50 ग्राम कद्दूकस करके डालें। कभी सीताफल (yellow pumpkin) 50 ग्राम ऐसे ही डालें। कभी सफ़ेद पेठा (ashgourd) 30 ग्राम कद्दूकस करके डालें। ऐसे ही ज़ूकीनी 50 ग्राम डालें।कद्दूकस करके डालें।कभी काजू बादाम अखरोट मूँगफली भिगोए हुए पीस कर मिलाएँ। 

लाल, हरा, पीला शिमला मिर्च 1/4 हिस्सा हर एक का मिलाएँ। लें। बिना नींबू और नमक के लें। स्वाद के लिए नारियल और herbs मिलाएँ।

रात के खाने में इस अनुपात से खाना खाएँ 2 कटोरी सब्ज़ी के साथ 1कटोरी चावल या 1रोटी लेएक बार पका हुआ खाना रात को 7 बजे से पहले लें। 

6.सेंधा नमक केवल एक बार पके हुए खाने में लें। जानवरों से उपलब्ध होने वाले भोजन वर्जित हैं।

तेल, मसाला, और गेहूँ से परहेज़ करेंगे तो अच्छा होगा। चीनी के जगह गुड़ लें।

7.एक नियम हमेशा याद रखें ठोस (solid) खाने को चबा कर तरल (liquid) बना कर खाएँ। तरल  को मुँह में घूँट घूँट पीएँ। खाना ज़मीन पर बैठ कर खाएँ। खाते वक़्त ना तो बात करें और ना ही TV और mobile को देखें।ठोस  भोजन के तुरंत बाद या बीच बीच में जूस या पानी ना लें। भोजन हो जाने के एक घंटे बाद तरल पदार्थ ले सकते हैं।

हफ़्ते में एक दिन उपवास करें। शाम तक केवल पानी लें, प्यास लगे तो ही पीएँ। शाम 5 बजे नारियल पानी और रात 8 बजे सलाद लें।

8.उपवास के अगले दिन किसी प्राकृतिक चिकित्सक के देख रेख में टोना लें। जिससे आँत की प्रदाह को शांत किया जा सके। एनिमा किट मँगा लें। यह किट ऑनलाइन मिल जाएगा। इससे 200ml पानी गुदाद्वार से अंदर डालें और प्रेशर आने पर मल त्याग करें। ऐसा दिन में दो बार करना है अगले 21 दिनों के लिए। ये करना है ताकि शरीर में मोजुद विषाणु निष्कासित हो जाये। इसके बाद हफ़्ते में केवल एक बार लेना है उपवास के अगले दिन। टोना का फ़ायदा तभी होगा जब आहार शुद्धि करेंगे।

धन्यवाद।

रूबी, 

प्राकृतिक जीवनशैली प्रशिक्षिका व मार्गदर्शिका (Nature Cure Guide & Educator)


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