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Q&A
09:00 AM | 12-10-2020

Hi I am 34 y male and I have been diagnosed with azoospermia. I have been advised to take tab paternia xt by a doc for 3 months. My semen analysis shows zero sperm count and have some pus cells. I am still not clear what can cause the same. I had no surgery , no genetical problem and nothing of this sort which can cause this problem. I exercise regularly , my body weight is in control. May I know what precautions should I take and is there a way to get treated?


The answers posted here are for educational purposes only. They cannot be considered as replacement for a medical 'advice’ or ‘prescription’. ...The question asked by users depict their general situation, illness, or symptoms, but do not contain enough facts to depict their complete medical background. Accordingly, the answers provide general guidance only. They are not to be interpreted as diagnosis of health issues or specific treatment recommendations. Any specific changes by users, in medication, food & lifestyle, must be done through a real-life personal consultation with a licensed health practitioner. The views expressed by the users here are their personal views and Wellcure claims no responsibility for them.

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3 Answers

10:44 AM | 14-10-2020

Hello Nishant, 

Azoospermia is just a reaction of the body which is filled with complexities like complex diet which is oily and heavy in nature and does not give much nutrition to the body. Keeping cellphones in the lower pocket which sends harmful radiations, working in a heat prone area which does not allow the body to be healthy.

The lifestyle which is filled with complex food items, a sedentary lifestyle, and toxic food habits lead to hampering our normal physiological cycle.

Taking a step holistically improves our body's reproductive health.

Eat:

Starting your day with something light in nature and easy to digest is what your breakfast should be. Even the early morning ritual should include consumption of two-three glasses of warm water will help in flushing out all the toxins.

  • Avoid milk and milk products with gluten as it does not allow the body to grow well and no nutrients are absorbed completely.
  • Start with a high fibre diet like apple bananas, whole grain to improve the quality.
  • Spinach helps in improving sperm quality so you can add it during your breakfast time.

Exercise:

  • Surynamakar helps in increasing the blood circulation doing 12 sets will help, start with 6 if you are a beginner.
  • Halasana, Dhanurasana helps increase blood circulation in the pelvic region.
  • A brisk walk in early morning sun from 30-45 minutes, helps in treating your body to its level best.

Meditation:

In any kind of disease, stress comes complementary to it, but with our assurance and positive attitude, we can treat anything. The best thing to start with is breathing mindfully before sleep with the help of music to stay positive. A positive attitude will help you to deal with everything in life.15-minute relaxing meditation with the help of light music before sleep will help you in relaxing.

Sleep:

Sleeping for at least 7-8 hours is helpful in dealing with any problem, sleep is our body's natural response and helps the body to heal. Sleep relaxes the muscles and strengthens our body.

Hopefully, these suggestions will help you

Thank you.



10:43 AM | 14-10-2020

Hello Nishant,

Sperms are made in the testicles. It travels through the reproductive tract and mixes with the fluid that is found in the seminal ducts. Together, the sperm and this fluid make semen, the thick white ejaculate that comes out from the penis.
With azoospermia, the sperm is taken out of the equation. There may be ejaculation but it doesn't contain sperms. You may be familiar with the term "low sperm count" but azoospermia on the other hand is referred to as the no sperm count.

What can be done?

By getting a well balanced nutritional diet, taking plenty of rest, drinking enough fluids and keeping stress in check will help.

  • Eat a diet full of whole, nutrient dense foods to foster sperm production. 
  • Exercise regularly. Doing so will help to boost testosterone levels.
  • Try yoga and meditation to lower your stress levels. Stress hormone can have an impact on testosterone levels. 

Things to avoid

  • Stay away from any activities like rough contact sports, that may harm your testes and reproductive tract. 
  • Limit your exposure to radiation.
  • Avoid activities that may expose your testes to high temperatures like sauna bath and steam baths.

Thank you 



11:36 AM | 15-10-2020

हेलो,
कारण - निल शुक्राणु को मेडिकल भाषा में एजुस्पर्मिया कहा जाता है। पुरुषों में लगभग पांच प्रतिशत लोग एजुस्पर्मिया यानि निल शुक्राणु से ग्रस्त होते हैं। इस स्थिति में वीर्य में शुक्राणु पूरी तरह से अनुपस्थित होते हैं या इतनी कम मात्रा में उपस्थित होते हैं कि उनका पता ही ना लगाया जा सके। शरीर में ऑक्सीजन का ठीक प्रकार से संचार ना होना इसकााा मूल का है।
 प्राणायाम करें और दौड़ लगाने सेेेे यह पूरी तरीके सेेेेे ठीक हो सकता है। प्राकृतिक जीवन शैली को अपना कर पूर्ण स्वास्थ्य लाभ उठाया जा सकता है।

समाधान -1. मेरुदंड स्नान काफी लाभकारी होता है, यह हमारे स्नायु तंत्र को स्वस्थ रखता है । एक मोटा तोलिया लेकर उसको भिगो दें बिना निचोड़े योगा मैट पर बिछाए और उसके ऊपर कमर से लेकर के कंधे तक का हिस्सा रखें। उस गीले तौलिए पर रहे 20 मिनट के बाद इसको हटा दें। ऐसा करने से आप का मेरुदंड में ब्लड और ऑक्सीजन का सरकुलेशन ठीक हो जाएगा। 

 

2. प्राणायाम करना है। लंबा गहरा श्वास अंदर लें रुको थोड़ी देर सांस को पूरी तरीके से खाली करें और फिर रुके थोड़ी देर ऐसा करने से आपके शरीर में ऑक्सीजन का सरकुलेशन ठीक हो जाएगा ।

 

3. अलग अलग तरीक़े का स्नान करें। मेरुदंड स्नान, हिप बाथ, गीले कपड़े की पट्टी से पेट की गले और सर की 20 मिनट के लिए सेक लगाए। 

 

स्पर्श थरेपी करें। मालिश के ज़रिए भी कर सकते है।

 

तिल के तेल रीढ़ की हड्डी पर घड़ी की सीधी दिशा (clockwise) में और घड़ी की उलटी दिशा (anti clockwise)में मालिश करें। नरम हाथों से बिल्कुल भी प्रेशर नहीं दें।

 

4. खानपान में मुख्य रूप से गहरे हरे रंग के पत्तों का जूस बहुत ही फायदेमंद होता है। गहरे हरे रंग के पत्तों में क्लोरोफिल होता है और ऑक्सीजन की संचार में यह बहुत ही मददगार साबित होता है। नमक की मात्रा कम ले दिन में एक बार ले और सेंधा नमक या काला नमक ही लें क्योंकि नमक ज्यादा रहने से भी सिर में  फ्लूइड में कमी आती है।  सिर में liquid रहता है नमक में सोडियम होता जो कि liquid को सोख लेता है।

 

5.पृथ्वी - सुबह खीरा 1/2 भाग धनिया पत्ती (10 ग्राम) पीस लें, 100 ml पानी मिला कर पीएँ। यह juice आप कई प्रकार के ले सकते हैं। पेठे  (ashgourd ) का जूस लें और कुछ नहीं लेना है। नारियल पानी भी ले सकते हैं। पालक  पत्ते धो कर पीस कर 100ml पानी डाल पीएँ। दुब घास 25 ग्राम पीस कर छान कर 100 ml पानी में मिला कर पीएँ। कच्चे सब्ज़ी का जूस आपका मुख्य भोजन है। 2 घंटे बाद फल नाश्ते में लेना है। फल को चबा कर खाएँ। इसका juice ना लें। फल सूखे फल नाश्ते में लें।

 

दोपहर के खाने में सलाद नट्स और अंकुरित अनाज के साथ  सलाद में हरे पत्तेदार सब्ज़ी को डालें और नारियल पीस कर मिलाएँ। कच्चा पपीता 50 ग्राम कद्दूकस करके डालें। कभी सीताफल (yellow pumpkin) 50 ग्राम ऐसे ही डालें। कभी सफ़ेद पेठा (ashgourd) 30 ग्राम कद्दूकस करके डालें। ऐसे ही ज़ूकीनी 50 ग्राम डालें।कद्दूकस करके डालें।कभी काजू बादाम अखरोट मूँगफली भिगोए हुए पीस कर मिलाएँ। लाल, हरा, पीला शिमला मिर्च 1/4 हिस्सा हर एक का मिलाएँ। लें। बिना नींबू और नमक के लें। स्वाद के लिए नारियल और herbs मिलाएँ।

 

रात के खाने में इस अनुपात से खाना खाएँ 2 कटोरी सब्ज़ी के साथ 1कटोरी चावल या 1रोटी लेएक बार पका हुआ खाना रात को 7 बजे से पहले लें।

 

6.एक नियम हमेशा याद रखें ठोस  (solid) खाने को चबा कर तरल (liquid) बना कर खाएँ। तरल  को मुँह में घूँट घूँट पीएँ। खाना ज़मीन पर बैठ कर खाएँ। खाते वक़्त ना तो बात करें और ना ही TV और mobile को देखें।ठोस  भोजन के तुरंत बाद या बीच बीच में जूस या पानी ना लें। भोजन हो जाने के एक घंटे बाद तरल पदार्थ ले सकते हैं।

 

हफ़्ते में एक दिन उपवास करें। शाम तक केवल पानी लें, प्यास लगे तो ही पीएँ। शाम 5 बजे नारियल पानी और रात 8 बजे सलाद लें।

7. उपवास के अगले दिन किसी प्राकृतिक चिकित्सक के देख रेख में टोना लें। जिससे आँत की प्रदाह को शांत किया जा सके। एनिमा किट मँगा लें। यह किट ऑनलाइन मिल जाएगा। इससे 200ml पानी गुदाद्वार से अंदर डालें और प्रेशर आने पर मल त्याग करें। ऐसा दिन में दो बार करना है अगले 21 दिनों के लिए। ये करना है ताकि शरीर में मोजुद विषाणु निष्कासित हो जाये। इसके बाद हफ़्ते में केवल एक बार लेना है उपवास के अगले दिन। टोना का फ़ायदा तभी होगा जब आहार शुद्धि करेंगे।

 

धन्यवाद।

 

रूबी, 

 

प्राकृतिक जीवनशैली प्रशिक्षिका व मार्गदर्शिका (Nature Cure Guide & Educator)

 


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