Loading...

Q&A
11:11 AM | 21-01-2021

My age 45 male: scanning report: Mild hepato splenomagaly noted with grade 1 fatty changes of liver. Subtle wall thickening (3-3. 5 mm) of descending and sigmoid colon noted with mild probe tenderness? Colitis. Pls suggest solution my problem

The answers posted here are for educational purposes only. They cannot be considered as replacement for a medical 'advice’ or ‘prescription’. ...The question asked by users depict their general situation, illness, or symptoms, but do not contain enough facts to depict their complete medical background. Accordingly, the answers provide general guidance only. They are not to be interpreted as diagnosis of health issues or specific treatment recommendations. Any specific changes by users, in medication, food & lifestyle, must be done through a real-life personal consultation with a licensed health practitioner. The views expressed by the users here are their personal views and Wellcure claims no responsibility for them.

Read more
Post as Anonymous User
4 Answers

04:39 PM | 03-02-2021

Hello,

Hepatomegaly is an enlarged liver, which means it is swollen beyond its usual size. Inflammation or fatty liver may be due to following reasons -

  • Obesity
  • An infection like hepatitis B or hepatitis C.
  • Alcohol 
  • Toxins
  • Genetic disorders 

Thickening of the bowel wall may be caused by several pathological conditions like some infections, injury, etc. 

When the liver is unable to breakdown the fat as it normally does, then it leads to the accumulation of fats. Eating excessive fatty foods, high cholesterol levels also lead to fatty liver. Some health conditions like obesity, diabetes, etc may also be the reason for fatty liver.

Here are some ways to improve the overall health.  

Diet to follow- 

  • Start the day with 3 to 4 glasses of warm water. This will help to flush out the toxins out of the body. 
  • Drink green tea twice a day, one in the morning on an empty stomach and the other at night before sleeping. 
  • Eat only plant-based natural foods. 
  • Have fresh fruits and green leafy vegetables. 
  • Include salads, sprouts, nuts, beans in your diet. 
  • Cook oil-free.
  • Drink sufficient water during the day to be hydrated and to eliminate the toxins out of the body. 

Foods to avoid 

  • Avoid deeply fried oily foods and spicy foods. 
  • Avoid processed and packaged foods. 
  • Avoid carbonated drinks. 
  • Avoid fatty foods, sugary foods, chocolates, junk foods. 
  • Avoid tea and coffee. 
  • Say no to alcohol and smoking. 

Exercise 

Being physically active is very important for good metabolism. It is also important for proper blood circulation in the whole body. 

  • Start your day with a brisk morning walk of at least 30min. 
  • Practice 12 sets of suryanamaskar daily. 
  • Do bhujanga asana, hala asana, parvat asana, trikona asana. 
  • Practice pranayam regularly, specially anulom-vilom and kapalbhati pranayam. 

Sleep

Sleeping plays an important role in good health. It maintains the circadian rhythm, hormonal balance, and relieves stress. 

Take proper sleep of at least 7-8hours daily. Sleep early at night and also wake up early in the morning. 

Thank you



11:10 AM | 26-02-2021

Hello User,

Hepatomegaly is an enlarged liver, which means it is swollen beyond its usual size. Inflammation or fatty liver may be due to following reasons -

  • Obesity
  • An infection like hepatitis B or hepatitis C.
  • Alcohol 
  • Toxins
  • Genetic disorders 

Thickening of the bowel wall may be caused by several pathological conditions like some infections, injury, etc. 

When the liver is unable to breakdown the fat as it normally does, then it leads to the accumulation of fats. Eating excessive fatty foods, high cholesterol levels also lead to fatty liver. Some health conditions like obesity, diabetes, etc may also be the reason for fatty liver.

Here are some ways to improve the overall health.  

Diet to follow- 

  • Start the day with 3 to 4 glasses of warm water. This will help to flush out the toxins out of the body. 
  • Drink green tea twice a day, one in the morning on an empty stomach and the other at night before sleeping. 
  • Eat only plant-based natural foods. 
  • Have fresh fruits and green leafy vegetables. 
  • Include salads, sprouts, nuts, beans in your diet. 
  • Cook oil-free.
  • Drink sufficient water during the day to be hydrated and to eliminate the toxins out of the body. 

Foods to avoid 

  • Avoid deeply fried oily foods and spicy foods. 
  • Avoid processed and packaged foods. 
  • Avoid carbonated drinks. 
  • Avoid fatty foods, sugary foods, chocolates, junk foods. 
  • Avoid tea and coffee. 
  • Say no to alcohol and smoking. 

Exercise 

Being physically active is very important for good metabolism. It is also important for proper blood circulation in the whole body. 

  • Start your day with a brisk morning walk of at least 30min. 
  • Practice 12 sets of suryanamaskar daily. 
  • Do bhujanga asana, hala asana, parvat asana, trikona asana. 
  • Practice pranayam regularly, specially anulom-vilom and kapalbhati pranayam. 

Sleep

Sleeping plays an important role in good health. It maintains the circadian rhythm, hormonal balance, and relieves stress. 

Take proper sleep of at least 7-8hours daily. Sleep early at night and also wake up early in the morning. 

Thank you



01:10 PM | 25-01-2021

हेलो,
कारण -  फैटी लीवर का कारण समझते हैं। लिवर (जिगर) हमारे शरीर का एक मुख्य आंतरिक अंग होता है, जो शरीर की सबसे बड़ी ग्रंथि और दूसरा सबसे बड़ा अंग होता है। लिवर पित्त का निर्माण करता है, जो वसा के टूटने में मदद करता है। यह रक्त के डिटाक्सिफिकैशन में भी मदद करता है। एक सामान्य लिवर में कुछ फैट ज़रूर होता है, लेकिन कभी-कभी लिवर की कोशिकाओं में अनावश्यक फैट की मात्रा बढ़ जाती है। अनावश्यक फैट के कारण आंत का स्वास्थ बिगड़ जाना स्वाभाविक है। अल्सरेटिव कोलाइटिस (Ulcerative colitis) आंत की बीमारी है जिसमें बड़ी आंत में लम्बे समय के लिए सूजन और जलन हो जाती है | इस जलन और सूजन की वजह से बड़ी आंत के मलाशय (colon) और मलनाली (rectum) में छाले हो जाते है | प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति को अपनाकर पूर्ण स्वास्थ्य लाभ उठाया जा सकता है।

समाधान - 1. ऐसा खाना जो कि देर तक पचता नहीं है उसका त्याग करें। जैसे दूध, गेहूं, मैदा, रिफाइंड नमक और रिफाइंड शुगर और पैकेट फूड। फल, सब्जी, और कच्ची सब्जी का जूस को प्रतिदिन ले।ऐसा करने से पाचन शक्ति मजबूत होगा और लीवर और आंतों की सफाई हो पाएगी। 

2. सूर्य की रोशनी में 20 मिनट का स्नान सूर्य की रोशनी से करें 5 मिनट सामने 5 मिनट पीछे 5 मिनट दाएं 5 मिनट बाएं भाग में धूप लगाएं। धूप लेट कर लेना चाहिए धूप की रोशनी लेते वक्त सर और आपको किसी सूती कपड़े से ढक ले। सूर्य नारी मंद होने पर  इन्फेक्शन अधिक होता है अतः आप जब भी सोए अपना दायां भाग ऊपर करके सोए। 

3. प्रतिदिन अपने पेट पर खाने से 1 घंटे पहले या खाना खाने के 2 घंटे बाद गीले मोटे तौलिए को लपेटे एक तौलिया गिला करके उसको निचोड़ लें और हूं उस तौलिए को 20 मिनट तक अपने पेट पर लपेटकर रखें ऐसा करने से आपका पाचन तंत्र दुरुस्त होगा।

4. हर 3 घंटे में लंबा गहरा श्वास अंदर लें उसको थोड़ी देर रोकें और फिर सांस को खाली करें। खाली करने के बाद फिर से रुके और फिर लंबा गहरा सांस ले। यह एक चक्र है ऐसा दिन में 10 चक्र करें केवल एक शर्त का पालन करें जब आप लंबा गहरा सांस ले रहे हैं तो अपनी रीढ़ की हड्डी को सीधा रखें ऐसा करने से आपके शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा का बढ़ेगी और ऑक्सीजन का संचार सुचारू रूप से हो पाएगा।

स्पर्श थरेपी करें। मालिश के ज़रिए भी कर सकते है।

तिल के तेल रीढ़ की हड्डी पर घड़ी की सीधी दिशा (clockwise) में और घड़ी की उलटी दिशा (anti clockwise)में मालिश करें। नरम हाथों से बिल्कुल भी प्रेशर नहीं दें।

5.पृथ्वी - सुबह खीरा 1/2 भाग धनिया पत्ती (10 ग्राम) पीस लें, 100 ml पानी मिला कर पीएँ। यह juice आप कई प्रकार के ले सकते हैं। पेठे (ash guard ) का जूस लें और कुछ नहीं लेना है। नारियल पानी भी ले सकते हैं। पालक  पत्ते धो कर पीस कर 100 ml पानी डाल पीएँ। दुब घास 25 ग्राम पीस कर छान कर 100 ml पानी में मिला कर पीएँ। कच्चे सब्ज़ी का जूस आपका मुख्य भोजन है। 2 घंटे बाद फल नाश्ते में लेना है। 

फल को चबा कर खाएँ। इसका juice ना लें। फल सूखे फल नाश्ते में लें।

दोपहर के खाने में सलाद नट्स और अंकुरित अनाज के साथ  सलाद में हरे पत्तेदार सब्ज़ी को डालें और नारियल पीस कर मिलाएँ। कच्चा पपीता 50 ग्राम कद्दूकस करके डालें। कभी सीताफल ( yellow pumpkin)50 ग्राम ऐसे ही डालें। कभी सफ़ेद पेठा (ash guard) 30 ग्राम कद्दूकस करके डालें। ऐसे ही ज़ूकीनी 50 ग्राम डालें।कद्दूकस करके डालें।कभी काजू बादाम अखरोट मूँगफली भिगोए हुए पीस कर मिलाएँ। 

लाल, हरा, पीला शिमला मिर्च 1/4 हिस्सा हर एक का मिलाएँ। लें। बिना नींबू और नमक के लें। स्वाद के लिए नारियल और herbs मिलाएँ। शाम 4 बजे स्नैक टाइम पर भी फल दें।

रात के खाने में इस अनुपात से खाना खाएँ 2 कटोरी सब्ज़ी के साथ 1कटोरी चावल या 1रोटी लेएक बार पका हुआ खाना रात को 7 बजे से पहले लें।

6. एक नियम हमेशा याद रखें ठोस(solid) खाने को चबा कर तरल (liquid) बना कर खाएँ। तरल  को मुँह में घूँट घूँट पीएँ। खाना ज़मीन पर बैठ कर खाएँ। खाते वक़्त ना तो बात करें और ना ही TV और mobile को देखें।ठोस  भोजन के तुरंत बाद या बीच बीच में जूस या पानी ना लें। भोजन हो जाने के एक घंटे बाद तरल पदार्थ ले सकते हैं।

हफ़्ते में एक दिन उपवास करें। शाम तक केवल पानी लें, प्यास लगे तो ही पीएँ। शाम 5 बजे नारियल पानी और रात 8 बजे सलाद लें।

7. उपवास के अगले दिन किसी प्राकृतिक चिकित्सक के देख रेख में टोना लें। जिससे आँत की प्रदाह को शांत किया जा सके। एनिमा किट मँगा लें। यह किट ऑनलाइन मिल जाएगा। इससे 200 ml पानी गुदाद्वार से अंदर डालें और प्रेशर आने पर मल त्याग करें। ऐसा दिन में दो बार करना है अगले 21 दिनों के लिए। ये करना है ताकि शरीर में मोजुद विषाणु निष्कासित हो जाये। इसके बाद हफ़्ते में केवल एक बार लेना है उपवास के अगले दिन। टोना का फ़ायदा तभी होगा जब आहार शुद्धि करेंगे।

धन्यवाद।

रूबी, 

प्राकृतिक जीवनशैली प्रशिक्षिका व मार्गदर्शिका (Nature Cure Guide & Educator)



02:50 PM | 04-02-2021

Thank you Nikhita garu


Scan QR code to download Wellcure App
Wellcure
'Come-In-Unity' Plan