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Q&A
10:25 AM | 14-09-2020

I have pain under the heel of my left foot and this increases when I walk. Please tell me what to do.


The answers posted here are for educational purposes only. They cannot be considered as replacement for a medical 'advice’ or ‘prescription’. ...The question asked by users depict their general situation, illness, or symptoms, but do not contain enough facts to depict their complete medical background. Accordingly, the answers provide general guidance only. They are not to be interpreted as diagnosis of health issues or specific treatment recommendations. Any specific changes by users, in medication, food & lifestyle, must be done through a real-life personal consultation with a licensed health practitioner. The views expressed by the users here are their personal views and Wellcure claims no responsibility for them.

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4 Answers

05:21 PM | 15-09-2020

Hello Sabrina,

Pain in the heel can be due to inflammation in the bone region or any distress in the muscle or ligament. The spur can be the cause of pain in the heels. The ideal thing is to get an X-ray of your heel done so that we know how to treat the cause. Once we know the cause it becomes easier to treat the issue.

1. Wear something which relaxes the muscle in the heel region so that it will not interrupt in walking.

2. Have more calcium-rich food like green leafy vegetables, cashews, walnuts, chia seeds, this will help you in dealing with pain.

Thank you

 



12:21 PM | 28-09-2020

Hello Sabrina,

Pain in heels may result due to obesity, ill-fitted shoes, jumping on hard surfaces, abnormal walking styles or any other disease. It may also result due to any bone injury or tissue injury or ligament injury. 

If the cause of pain is any injury then X-ray is necessary before telling any treatment. 
If it is not due to any injury then the following tips will help you.
 

  • Change your footwear and wear comfortable and soft footwear.
  • Walk in an appropriate manner and in a proper style.
  • If you are obese, then focus on losing weight.
  • Soak your feet in warm water for about 20 minutes twice a day.

Thank you



01:59 PM | 15-09-2020

Dear Sabrina,

Thanks for sharing your concern with us! We do empathise with your pain. To begin with, please understand it from Nature Cure perspective. 

Nature Cure believes in the intelligence of the body and lays emphasis on understanding the root cause of symptoms/discomfort. Through pain, our body tries to tell us that something within is not right and needs support for taking corrective action. If we support the body by aligning our lifestyle to natural laws the body automatically works towards getting in balance and hence pain-free.

Adopting a natural lifestyle will help you reclaim your health. You can explore our Natural Health Coaching Program that helps in making the transition, step by step. We will guide you on diet, sleep, exercise, stress etc. to correct your existing routine & make it in line with Natural Laws.   

To begin with, you may want to explore the following resources:

  1. Blog -- Do you understand pain?

  2. Real-life natural healing stories of people who managed their aches & pains just by following Natural Laws.

Wishing you good health!

Team Wellcure!



05:21 PM | 24-09-2020

हेलो,
कारण - पैर के एड़ीी में दर्द्द होना पाचन तंत्र स्वस्थ ना होनेे का पहचान है। कहीं भी शरीर में दर्द कारण होता है शरीर में अम्ल की अधिकता। पाचन तंत्र को स्वस्थ करके दर्द से छुटकारा हमेशा के लिए पाया जा सकता है। तुरंत आराम पाने के लिए पैर के एडी पर जहां दर्द है हर्बल पैक लगाएं एक भिंडी थोड़े से नीम के पत्ते और धनिया पत्ती का जड़ को एक साथ पीसकर के उस दर्द वाले हिस्से पर लगाकर एक कपड़े से बांध के 20 मिनट के लिए छोड़ दें। 20 मिनट बाद इसको सादे पानी से धो लें ऐसा करने से तुरंत दर्द में आराम आ जाएगा मगर पूर्ण रूप से स्वास्थ्य लाभ पाने के लिए अपने आहार शैली में कुछ परिवर्तन आवश्यक है उसको प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति के अनुसार बदल ले तो यह स्थाई रूप से इस परेशानी से आपको छुटकारा देगा।

जीवन शैली - 1. आकाश तत्व - एक खाने से दुसरे खाने के बीच में अंतराल (gap) रखें।

फल के बाद 3 घंटे, सलाद के बाद 5 घंटे, और पके हुए खाने के बाद 12 घंटे का (gap) रखें।

2.वायु तत्व - प्राणायाम करें, आसन करें। दौड़ लगाएँ।

3.अग्नि - सूर्य की रोशनी लें।

4.जल - अलग अलग तरीक़े का स्नान करें। मेरुदंड स्नान, हिप बाथ, गीले कपड़े की पट्टी से पेट 20 मिनट के लिए सेक लगाए। 

स्पर्श थरेपी करें। मालिश के ज़रिए भी कर सकते है।

तिल के तेल दर्द वाले हिस्से पर घड़ी की सीधी दिशा (clockwise) में और घड़ी की उलटी दिशा (anti clockwise)में मालिश करें। नरम हाथों से बिल्कुल भी प्रेशर नहीं दें।

5.पृथ्वी - सुबह खीरा 1/2 भाग धनिया पत्ती (10 ग्राम) पीस लें, 100 ml पानी मिला कर पीएँ। यह juice आप कई प्रकार के ले सकते हैं। पेठे (ashguard ) का जूस लें और कुछ नहीं लेना है। नारियल पानी भी ले सकते हैं। पालक  पत्ते धो कर पीस कर 100ml पानी डाल पीएँ। दुब घास 25 ग्राम पीस कर छान कर 100 ml पानी में मिला कर पीएँ। कच्चे सब्ज़ी का जूस आपका मुख्य भोजन है। 2 घंटे बाद फल नाश्ते में लेना है। 

फल को चबा कर खाएँ। इसका juice ना लें। फल सूखे फल नाश्ते में लें। दोपहर के खाने में सलाद नट्स और अंकुरित अनाज के साथ  सलाद में हरे पत्तेदार सब्ज़ी को डालें और नारियल पीस कर मिलाएँ। कच्चा पपीता 50 ग्राम कद्दूकस करके डालें। कभी सीताफल ( yellow pumpkin)50 ग्राम ऐसे ही डालें। कभी सफ़ेद पेठा (ashguard) 30 ग्राम कद्दूकस करके डालें। ऐसे ही ज़ूकीनी 50 ग्राम डालें।कद्दूकस करके डालें।कभी काजू बादाम अखरोट मूँगफली भिगोए हुए पीस कर मिलाएँ। 

लाल, हरा, पीला शिमला मिर्च 1/4 हिस्सा हर एक का मिलाएँ। लें। बिना नींबू और नमक के लें। स्वाद के लिए नारियल और herbs मिलाएँ। रात के खाने में इस अनुपात से खाना खाएँ 2 कटोरी सब्ज़ी के साथ 1कटोरी चावल या 1रोटी लेएक बार पका हुआ खाना रात को 7 बजे से पहले लें।

6.एक नियम हमेशा याद रखें ठोस(solid) खाने को चबा कर तरल (liquid) बना कर खाएँ। तरल  को मुँह में घूँट घूँट पीएँ। खाना ज़मीन पर बैठ कर खाएँ। खाते वक़्त ना तो बात करें और ना ही TV और mobile को देखें।ठोस  भोजन के तुरंत बाद या बीच बीच में जूस या पानी ना लें। भोजन हो जाने के एक घंटे बाद तरल पदार्थ ले सकते हैं।हफ़्ते में एक दिन उपवास करें। शाम तक केवल पानी लें, प्यास लगे तो ही पीएँ। शाम 5 बजे नारियल पानी और रात 8 बजे सलाद लें।

7. उपवास के अगले दिन किसी प्राकृतिक चिकित्सक के देख रेख में टोना लें। जिससे आँत की प्रदाह को शांत किया जा सके। एनिमा किट मँगा लें। यह किट ऑनलाइन मिल जाएगा। इससे 200ml पानी गुदाद्वार से अंदर डालें और प्रेशर आने पर मल त्याग करें। ऐसा दिन में दो बार करना है अगले 21 दिनों के लिए। ये करना है ताकि शरीर में मोजुद विषाणु निष्कासित हो जाये। इसके बाद हफ़्ते में केवल एक बार लेना है उपवास के अगले दिन। टोना का फ़ायदा तभी होगा जब आहार शुद्धि करेंगे।

धन्यवाद।

रूबी, 

प्राकृतिक जीवनशैली प्रशिक्षिका व मार्गदर्शिका (Nature Cure Guide & Educator)


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